वाराणसी (उत्तर प्रदेश), 7 जुलाई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बृहस्पतिवार को 1,774 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि योजनाओं का लाभ समाज के सभी वर्गों को मिले तभी विकास 'संवेदनशील' होता है. VIDEO: वाराणसी में बच्चों ने PM मोदी को सुनाया मंत्रोच्चारण, शिव तांडव सुनकर मंत्रमुग्ध हुए प्रधानमंत्री
अपने संसदीय वाराणसी के एक दिवसीय दौरे पर आये मोदी ने 1,774 करोड़ रुपये की 43 विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. इनमें से 1220.58 करोड़ रुपये की परियोजना का शिलान्यास जबकि 553.76 करोड़ रुपये की योजनाओं का लोकार्पण शामिल है.
मोदी ने इस अवसर पर कहा, ''दिव्य, भव्य और नव्य काशी में पिछले आठ वर्षों से विकास का जो उत्सव चल रहा है, आज उसको एक बार फिर से गति दी जा रही है. काशी हमेशा से जीवंत निरंतर प्रवाहमान रही है. अब काशी में एक तस्वीर पूरे देश को दिखाई है, जिसमें विरासत भी है और विकास भी. ऐसी विरासत जिसे भव्य, दिव्य और नव्य बनाने का काम निरंतर जारी है.''
उन्होंने कहा कि विकास काशी की सड़कों, गलियों, तालाबों, घाटों और पाटों तथा रेलवे स्टेशन से लेकर के हवाई अड्डे तक में निरंतर गतिमान है. काशी में एक परियोजना खत्म होती है तो चार नयी शुरू हो जाती हैं.
उन्होंने कहा कि आज भी यहां 1700 करोड़ रुपये से अधिक की दर्जनों परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है. मोदी ने कहा, ''आस्था और अध्यात्म से जुड़े पवित्र स्थानों की जनता को आधुनिक सुविधा से जोड़ा जाता है तब विकास प्रगतिशील होता है. जब गरीबों को घर, बिजली, पानी और शौचालय जैसी सुविधाएं मिलती हैं. नाविकों, बुनकरों, हस्तशिल्पियों, रेहड़ी पटरी वालों से लेकर बेघरों तक सभी को लाभ मिलता है, तब विकास ‘संवेदनशील’ होता है.’’
उन्होंने कहा,‘‘ आज इस कार्यक्रम के दौरान जो लोकार्पण और शिलान्यास हुए उनमें गतिशीलता, प्रगतिशीलता और संवेदनशीलता तीनों की झलक है. ऐसा सर्वहितकारी विकास ही सुशासन है.''
प्रधानमंत्री ने किसी का नाम लिये बगैर कहा, ''शॉर्टकट से किसी नेता का भला हो जाए; लेकिन न तो देश का भला होता है और न ही जनता का. मुझे याद है 2014 में सत्ता में आने के बाद काशी में बाहर से आने वाले लोग सवाल करते थे कि यहां इतना कुछ अव्यवस्थित है, यह सब ठीक कैसे होगा. उनकी चिंता भी सही थी. बनारस में जिधर नजर डालो वहां सुधार की बदलाव की गुंजाइश नजर आती थी. साफ लगता था कि बनारस की स्थिति सुधारने के लिए दशकों से कोई काम हुआ ही नहीं है.''
उन्होंने कहा, ''अब ऐसे में किसी और के लिए शॉर्टकट चुनना बहुत आसान था कि लोगों को यह दे दो, वह दे दो, इससे ज्यादा उसकी सोच जा ही नहीं पाती थी. कौन इतनी मेहनत करे...लेकिन मैं बनारस के लोगों की दाद दूंगा जिन्होंने सही रास्ता दिखाया और सही रास्ता चुना.’’
मोदी ने कहा, ‘‘बनारस के लोगों ने दो टूक कह दिया कि काम ऐसे हो जो वर्तमान तो ठीक करे ही, भविष्य में भी कई-कई दशकों तक बनारस को लाभ पहुंचाए.''
उन्होंने मौजूद जनसमूह से पूछा कहा, ''मुझे बताइए कि जो काम हो रहा है वह भविष्य में भी काम आने वाला है ना, आने वाली पीढ़ियों के भी काम आएगा ना, सारे हिंदुस्तान को काशी की तरफ खींच लाएगा या नहीं, सारा हिंदुस्तान काशी देखने आएगा या नहीं.’’
मोदी ने इससे पहले एलटी कॉलेज में अक्षय पात्र मध्याह्न भोजन रसोई का उद्घाटन किया. इस रसोई में एक लाख विद्यार्थियों के लिये भोजन तैयार करने की क्षमता है. प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कुछ स्कूली बच्चों से बातचीत की और अक्षय पात्र रसोई परिसर में लगे संयंत्र का जायजा लिया.
उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन पर अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन भी किया.
मोदी ने स्पोर्ट्स स्टेडियम में कार्यक्रम के दौरान 590 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन किया. इनमें वाराणसी स्मार्ट सिटी और शहरी परियोजनाओं के तहत विभिन्न योजनाएं शामिल हैं. इनमें नमो घाट का पुनर्विकास, 500 नावों के डीजल और पेट्रोल इंजनों का सीएनजी में रूपांतरण, पुरानी काशी के कामेश्वर महादेव वार्ड का पुनर्विकास और गांव हरहुआ, दासेपुर में 600 से अधिक ईडब्ल्यूएस फ्लैटों का निर्माण इत्यादि शामिल है.
प्रधानमंत्री ने बाबतपुर-कपसेठी-भदोही रोड पर चार-लेन वाले रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) के निर्माण, सेंट्रल जेल रोड पर वरुणा नदी पर पुल, पिंडरा-कथिराओं रोड के चौड़ीकरण,फूलपुर-सिंधौरा लिंक रोड के चौड़ीकरण, आठ ग्रामीण सड़कों के सुदृढ़ीकरण एवं निर्माण, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनायी गयी सात सड़कों और धरसौना-सिंधौरा सड़क के चौड़ीकरण सहित विभिन्न सड़क परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया.
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