मामल्लापुरम : तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के नजदीक तटीय शहर मामल्लापुरम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग (Xi Jinping) के बीच 11 और 12 अक्टूबर को दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता होने जा रही है,जिसके लिए पूरे शहर को अभेद्य किले में तब्दील कर दिया गया है. साथ ही, इलाके का सौंदर्यीकरण और अन्य तैयारियां अंतिम चरण में है.
कश्मीर के मुद्दे पर संबंधों में आई असहजता के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग आतंकवाद से निपटने समेत विभिन्न क्षेत्रों में संबंध मजबूत करने के लिए तमिलनाडु (Tamil Nadu) के तटीय शहर मामल्लापुरम में 11-12 अक्टूबर को दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता करेंगे.
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पुलिस ने बुधवार को बताया कि शहर के पास तटरक्षक जहाज ने लंगर डाल दिया है. तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों से आए 5000 से अधिक पुलिसकर्मियों की यहां तैनाती की गई है. दो शीर्ष नेताओं की सुरक्षा के मद्देनजर दर्जनों अस्थायी पुलिस चौकियां बनाई गई है. शहर में 800 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं जिसके जरिये सड़कों और अन्य रास्तों की 24 घंटे निगरानी की जा रही है.
वाहनों की जांच तेज कर दी गई है. मामल्लापुरम (Mahabalipuram) पहुंचे ‘पीटीआई-भाषा’ के संवाददाता ने तट पर बने मंदिर के पीछे तटरक्षक बल के एक पोत को लंगर डाले देखा जबकि दूसरा जहाज कुछ दूरी पर गश्त करते हुए दिखाई दिया. तटीय शिव मंदिर के नजदीक तट पर अवरोधक लगाए गए हैं यह वह स्थान है जहां मोदी-चिनफिंग आएंगे.
स्थानीय मछुआरों को भी गुरुवार से समुद्र से दूर रहने को कहा गया है. सादे कपड़ों में पुलिस के जवान आसपास के इलाकों की निगरानी कर रहे हैं. विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) और बम निरोधक दस्ते के जवान भी स्मारक सहित विभिन्न इलाकों की निगरानी कर रहे हैं. दो दर्जन के करीब खोजी श्वान को तैनात किया गया है.
जगह-जगह दोनों नेताओं की तस्वीर वाले बैनर लगाए गए हैं. उनपर तमिल, हिंदी और चीनी भाषा में स्वागत संदेश लिखे हुये हैं. सूत्रों ने कहा कि दक्षिण भारत के इस प्राचीन तटीय शहर में यह शिखर वार्ता चीन के अमेरिका के साथ कारोबारी संबंधों में बढ़ती दरार की पृष्ठभूमि में होगी. दोनों नेता व्यापार और कारोबारी संबंधों के विस्तार के तरीकों पर बात कर सकते हैं.
सूत्रों के अनुसार बातचीत में राजनीतिक संबंधों, व्यापार तथा करीब 3500 किलोमीटर लंबी चीन-भारत सीमा पर अमन चैन बनाये रखने पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा. उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘बातचीत का प्रमुख पहलू यह होगा कि दोनों देश अपने मतभेदों पर ध्यान देने में प्रगति कैसे करेंगे और संबंधों में उतार-चढ़ाव का फेर कैसे समाप्त होगा.’’