VIDEO: यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय और समेत कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया, जानें इसकी वजह
योगी सरकार के खिलाफ लखनऊ में विरोध मार्च निकाल रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय और अन्य नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.
लखनऊ: योगी सरकार के खिलाफ लखनऊ में विरोध मार्च निकाल रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय और अन्य नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. अजय राय ने मंगलवार को योगी आदित्यनाथ सरकार पर कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को डराने-धमकाने और नजरबंद करने का आरोप लगाया.
हिरासत में जाने से पहले अजय राय ने सरकार पर “अलोकतांत्रिक” तरीके अपनाने और पार्टी कार्यकर्ताओं को रोकने का आरोप लगाते हुए कहा, “योगी सरकार कांग्रेस के घेराव कार्यक्रम से घबराई हुई है. पुलिस के माध्यम से नेताओं को नजरबंद किया जा रहा है. यह लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन और जनता की आवाज़ को दबाने का प्रयास है.”
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का नजरबंद होना
अमेठी और संत कबीर नगर सहित कई जिलों से कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि उन्हें घरों में नजरबंद कर दिया गया है. कांग्रेस के अमेठी जिला अध्यक्ष प्रदीप सिंघल ने बताया कि 17 ब्लॉक अध्यक्षों समेत 100 से अधिक पार्टी पदाधिकारियों को नजरबंद किया गया है. उन्होंने कहा, “यह सरकार सच को दबाने के लिए पुलिस का सहारा ले रही है. हर नागरिक को लोकतंत्र में अपनी बात कहने का अधिकार है.” संत कबीर नगर में कांग्रेस जिला अध्यक्ष प्रवीण चंद्र पांडे ने भी नजरबंदी का आरोप लगाते हुए इसे अलोकतांत्रिक और निंदनीय बताया.
सरकार के खिलाफ कांग्रेस का आक्रोश
कांग्रेस महासचिव अनिल यादव को लखनऊ के हुसैनगंज थाने से नोटिस जारी कर कार्यकर्ताओं को कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की चेतावनी दी गई थी. यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा, “हम न्याय, किसानों की फसलों की कीमत, बेरोजगारी और अन्याय के खिलाफ विधान सभा घेराव करेंगे. यह सरकार डरकर हमारी आवाज दबाना चाहती है.”
अजय राय ने दिया कड़ा संदेश
अजय राय ने चेतावनी देते हुए कहा, “यह सरकार लोकतांत्रिक सिद्धांतों को रौंद रही है, लेकिन कांग्रेस पीछे नहीं हटेगी. हमारे कार्यकर्ता बेरोजगारी, महंगाई और सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए तैयार हैं.” उन्होंने विधान सभा घेराव को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के तानाशाही रवैये को उजागर करेगी.
कांग्रेस का आरोप: जनता की आवाज दबा रही है सरकार
अमेठी कांग्रेस अध्यक्ष सिंघल ने कहा, “हम सरकार से सवाल पूछना चाहते हैं, लेकिन हमें नजरबंद किया जा रहा है. यह तानाशाही है और यह सरकार के डर को दर्शाता है. 18 दिसंबर को जनता की आवाज़ विधान सभा तक पहुंचेगी.”
विधान सभा घेराव का मुद्दा
कांग्रेस ने सरकार की नीतियों, बेरोजगारी, किसानों की समस्याओं और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाए हैं. इसके अलावा, महिला सुरक्षा और गरीबों पर हो रहे अत्याचार को लेकर भी प्रदर्शन की योजना बनाई गई थी.
पुलिस कार्रवाई पर कांग्रेस का विरोध
कांग्रेस ने पुलिस की कार्रवाई को “तानाशाही” बताते हुए कहा कि सरकार विपक्ष की आवाज़ दबाने का हरसंभव प्रयास कर रही है. पार्टी ने राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है, अगर इस तरह के कदम जारी रहे.