दिल्ली पहुंचे पाकिस्तानी विदेश सचिव, पीएम मोदी और इमरान खान की मुलाकात की अटकलें तेज

पुलवामा हमले और उसके बाद भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में की गई हवाई कार्रवाई और उसके अगले दिन पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई के बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था.

इमरान खान और पीएम मोदी | फाइल फोटो | (Photo Credits: Twitter/@IndianMEA)

पाकिस्तान (Pakistan) के विदेश सचिव सोहेल महमूद (Sohail Mahmood) मंगलवार की रात तीन दिन की निजी यात्रा पर दिल्ली (Delhi) पहुंचे और बुधवार को उन्होंने दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में ईद (Eid) की नमाज अदा की. राजनयिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. अप्रैल के मध्य में इमरान खान (Imran Khan) की सरकार में पाकिस्तान के विदेश सचिव बनने से पहले महमूद भारत (India) में अपने देश के हाई कमिश्नर थे. अभी हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि अपनी निजी यात्रा के दौरान वह भारत के किसी अधिकारी या नेता से मिलेंगे या नहीं. सूत्रों ने कहा कि महमूद के बच्चे यहां पढ़ रहे थे और वह अपने परिवार को ले जाने के लिये यहां आए हैं. महमूद का दौरा यद्यपि निजी है लेकिन यह उन कयासों के बीच हो रहा है जिनके मुताबिक किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक (Bishkek) में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की शिखर बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान के बीच मुलाकात की संभावना है.

पीएण मोदी और इमरान खान दोनों का 13-14 जून को वार्षिक एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने का कार्यक्रम है. बता दें कि पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने आतंक विरोधी अभियान के तहत 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के प्रशिक्षण शिविर को निशाना बनाया था. इसके अगले दिन पाकिस्तानी वायुसेना ने पलटवार किया और इस दौरान भारत का एक मिग-21 गिरा दिया गया और उसके पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को बंधक बना लिया गया. हालांकि उन्हें बाद में भारत को सौंपा गया था. यह भी पढ़ें- पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने फोन पर की पीएम मोदी से बात, मिलकर काम करने की इच्छा जताई

रिश्तों पर जमी बर्फ को पिघलाने के प्रयास के तहत इमरान खान ने 26 मई को पीएम मोदी से फोन पर बात की थी और क्षेत्र में शांति व संपन्नता के लिए साथ मिलकर काम करने की इच्छा व्यक्त की थी. 14 अप्रैल को पाकिस्तान लौटने से पहले महमूद ने कहा था कि एक-दूसरे की चिंताओं को समझने और क्षेत्र में शांति, समृद्धि और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत-पाकिस्तान के बीच सतत बातचीत एकमात्र विकल्प है.

भाषा इनपुट

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