Manipur Development Projects: मणिपुर लंबे समय तक जातीय हिंसा की आग में झुलसता रहा. मई 2023 से कुकी और मैतेई समुदायों के बीच हुए टकराव में 260 से ज़्यादा लोग जान गंवा चुके हैं और हजारों लोग बेघर हुए. अब लगभग दो साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार मणिपुर का दौरा करने जा रहे हैं.
पहले समझौता, अब विकास
हाल ही में केंद्र सरकार ने 4 सितंबर को कुकी उग्रवादी गुटों के साथ युद्धविराम (Suspension of Operations) समझौते पर हस्ताक्षर किए. यह मणिपुर में शांति की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है. अब पीएम मोदी खुद मणिपुर पहुंच रहे हैं और राज्य को 8,500 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं का तोहफा देंगे.
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कुकी बहुल चुराचांदपुर में 7,300 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की नींव रखी जाएगी.
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मैतेई बहुल इंफाल में 1,200 करोड़ रुपये की योजनाओं का उद्घाटन होगा.
यानि, मोदी सरकार दोनों समुदायों को साथ लेकर चलने का संदेश दे रही है.
हिंसा और सियासत
हिंसा भड़कने के बाद से विपक्ष लगातार पीएम मोदी पर निशाना साधता रहा कि उन्होंने मणिपुर का दौरा नहीं किया. हालांकि, गृहमंत्री अमित शाह शुरुआत में राज्य गए थे, लेकिन हालात काबू में न आ पाने पर फरवरी 2024 से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया.
बीजेपी ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को भी हटाया, जिन्हें कुकी समुदाय शांति में रोड़ा मानता था.
हाईवे-2 और समझौते का महत्व
कुकी संगठनों से हुए ताज़ा समझौते की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि बंद पड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग-2 फिर से खोलने पर सहमति बनी. यह रास्ता मणिपुर की "लाइफलाइन" माना जाता है, क्योंकि यह राज्य को नागालैंड के दीमापुर से जोड़ता है और जरूरी सामान की सप्लाई इसी से होती है.
इसके अलावा एक साल तक कुकी उग्रवादियों पर सैन्य अभियान रोकने पर भी सहमति बनी है. इस दौरान निगरानी होगी और नियम तोड़ने पर समझौता रद्द भी किया जा सकता है.
उम्मीद की नई किरण
पीएम मोदी का यह दौरा केवल विकास परियोजनाओं की शुरुआत नहीं है, बल्कि इसे शांति बहाली का प्रयास भी माना जा रहा है. स्थानीय लोगों और नेताओं का मानना है कि प्रधानमंत्री की मौजूदगी से दोनों समाजों के बीच भरोसा बढ़ेगा और बातचीत का माहौल बनेगा.
राज्यसभा सांसद लेइशेम्बा सनाजाओबा ने कहा, “इतिहास में पहली बार कोई प्रधानमंत्री ऐसे कठिन समय में राज्य का दर्द सुनने आ रहे हैं.”
यानी, मणिपुर में मोदी का यह दौरा केवल योजनाओं का उद्घाटन नहीं, बल्कि शांति और नए सवेरे की शुरुआत भी हो सकता है.













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