NCC के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने दी पाक को चेतावनी, कहा- तीन बार हरा चुके हैं, फिर एक बार धूल चटाने में लगेंगे सिर्फ 10 दिन
पीएम मोदी ( फोटो क्रेडिट- ANI )

देश की राजधानी नई दिल्ली (Delhi) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने एनसीसी कैटेड्स (National Cadet Corps) को संबोधित करते हुए कहा कि देश की युवाशक्ति में अनुशासन, दृढ़ निश्चय और देश के प्रति भक्ति भाव की भावना को मजबूत करने का बहुत सशक्त मंच है. ये भावनाएं देश के विकास के साथ सीधी-सीधी जुड़ी हैं. हमने एक तरफ नॉर्थ ईस्ट के विकास के लिए अभूतपूर्व योजनाओं की शुरुआत की और दूसरी तरफ बहुत ही खुले मन और खुले दिल के साथ सभी हितधारकों के साथ बातचीत शुरू की. बोडो समझौता आज इसी का परिणाम है.

इस दौरान पीएम मोदी ने दिल्ली की चर्चा करते हुए कहा कि दिल्ली में 17 सौ से ज्यादा कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को दशकों तक उनके घर का मालिकाना हक नहीं मिला था.दिल्ली के 40 लाख लोगों के जीवन से, उनकी सबसे बड़ी चिंता को दूर कर दिया है. जिसका लाभ हिंदुओं को होगा और मुस्लिमों को भी, सिखों को होगा और ईसाइयों को भी मिलेगा.

पीएम मोदी ने कहा आज विश्व में हमारे देश की पहचान, युवा देश के रूप में है. देश के 65% से ज्यादा लोग 35 वर्ष से कम उम्र के हैं. देश युवा है, इसका हमें गर्व है, लेकिन देश की सोच युवा हो, ये हमारा दायित्व होना चाहिए. आज युवा सोच है, युवा मन के साथ देश आगे बढ़ रहा है, इसलिए वो सर्जिकल स्ट्राइक करता है, एयर स्ट्राइक करता है और आतंक के सरपरस्तों को उनके घर में जाकर सबक सिखाता है. यह भी पढ़ें:- बिहार: शरजील इमाम की तलाश तेज, जहानाबाद से छोटे भाई को हिरासत में लेकर की जा रही है पूछताछ.

उन्होंने कहा कि हम समस्याओं का समाधान चाहते हैं, उन्हें लटकाए रखना नहीं चाहते. GST हो, गरीबों को आरक्षण का फैसला हो, रेप के जघन्य अपराधों में फांसी का कानून, हमारी सरकार इसी युवा सोच के साथ लोगों की बरसों पुरानी मांगों को पूरा करने का काम कर रही है. इस दौरान पीएम मोदी ने पाकिस्तान पर तंज कसते हुए कहा कि हमारे पड़ोसी देश हमसे तीन-तीन युद्ध हार चुके हैं. हमारी सेना को 10-12 दिन से अधिक नहीं लगेंगे उन्हें हराने के लिए.

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद से स्वतंत्र भारत ने पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के हिंदुओं, सिखों और अन्य अल्पसंख्यकों से ये वादा किया था कि अगर उनको जरूरत होगी तो वो भारत आ सकते हैं. यही इच्छा गांधी जी की थी और यही 1950 में नेहरू-लियाकत समझौते की भी थी. ऐसे लोगों के साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय को रोकने के लिए भारत के पुराने वादे को पूरा करने के लिए आज जब हमारी सरकार CAA लेकर आयी है. कुछ राजनीतिक दल अपने वोटबैंक पर कब्जा करने की स्पर्धा में लगे हैं, आखिर किसके हितों के लिए काम कर रहें ये लोग.