नई दिल्ली, 16 सितम्बर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने गुरुवार को दिल्ली में रक्षा कार्यालय परिसर के उद्घाटन के दौरान सेंट्रल विस्टा परियोजना के आलोचकों पर निशाना साधा. प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के खिलाफ हैं, वे इस बात को आसानी से नजरअंदाज कर देते हैं कि डिफेंस कॉम्प्लेक्स प्रोजेक्ट भी इसका हिस्सा है. उन्होंने कहा, "ये लोग इस तथ्य की अनदेखी करते हैं ताकि वे परियोजना के बारे में झूठ फैलाना जारी रख सकें. "रक्षा परिसरों के बारे में उन्होंने कहा कि ये नए परिसर अब सशस्त्र बलों के लिए सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ बेहतर काम करने की स्थिति में काम करना संभव बनाएंगे. यह भी पढ़े: प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन के मौके पर गुजरात में दिव्यांगों के लिए शुरू होगी ‘मोबाइल वैन’ सेवा
प्रधानमंत्री ने कहा, "आज दुनिया उस भव्य सेंट्रल विस्टा को देख रही है जिसे 24 घंटे काम करने वाले सेना के अधिकारियों के लिए काम की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीक और सुविधाओं के आधार पर स्थापित किया गया है. "उन्होंने यह भी कहा कि जब देश ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिसमें आधुनिक बुनियादी ढांचा एक आवश्यक भूमिका निभाता है. सेंट्रल विस्टा परियोजनाओं के मूल में यही भावना है. मोदी ने कहा कि परियोजनाओं को 12-13 महीने में पूरा किया गया है जबकि अनुमानित समय सीमा 48 महीने थी. इसने 50 प्रतिशत समय बचाया और हजारों लोगों को रोजगार भी दिया, वह भी तब जब कोविड-19 महामारी थी. इस मौके पर उन्होंने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की वेबसाइट भी लॉन्च की. इस अवसर पर मौजूद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नवनिर्मित रक्षा कार्यालय परिसर के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की.
उन्होंने कहा, "इस परियोजना का रिकॉर्ड समय में सफलतापूर्वक पूरा होना वास्तव में भारत के रक्षा क्षेत्र के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. "सिंह ने आगे बताया कि यह रक्षा कार्यालय परिसर 'न्यू इंडिया' के लिए प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण और 'सेंट्रल विस्टा' परियोजना के लिए उनकी प्रतिबद्धता के अनुरूप है. उन्होंने कहा, "मैं रक्षा कार्यालय परिसर का उद्घाटन करने और इस अवसर पर अपने ज्ञान के शब्दों को साझा करने के लिए पीएम मोदी का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं. "रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "पिछली इमारतें जर्जर अवस्था में थीं, हमारे अधिकारियों की काम करने की स्थिति प्रभावित हुई.. जगह का अधिकतम उपयोग नहीं किया गया, यही वजह है कि इस परिसर को लाया गया है. 7,000 से अधिक श्रमिकों को अच्छे में समायोजित किया जा सकता है."मध्य दिल्ली में कस्तूरबा गांधी मार्ग और अफ्रीकी एवेन्यू में बनाए गए नए परिसरों में 7,000 से अधिक रक्षा कर्मियों को स्थानांतरित किया जाएगा.