विपक्ष पर जमकर बरसे PM Modi, बोले- जिन्हें जनता ने नकार दिया वे किसानों को गुमराह कर रहे हैं
पीएम मोदी ( फोटो क्रेडिट- ANI)

नई दिल्ली:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना की अगली किस्त जारी की, प्रधानमंत्री ने 9 करोड़ से अधिक किसान लाभार्थियों के खातों में 18,000 करोड़ से अधिक की राशि ट्रांसफर की. इस दौरान उन्होंने संबोधित करते हुए कहा, कुछ लोग ऐसा भ्रम फैला रहे हैं कि आपकी फसल का कोई कांट्रैक्ट करेगा तो जमीन भी चली जाएगी. इतना झूठ बोल रहे हैं. पीएम मोदी ने इस दौरान ममता बनर्जी की सरकार पर हमला करते हुए कहा, मुझे आज इस बात का अफसोस है कि मेरे पश्चिम बंगाल के 70 लाख से अधिक किसान भाई-बहनों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. बंगाल की सरकार के राजनीतिक कारणों से उनके राज्यों के किसानों को पैसे नहीं मिल रहे हैं.

पीएम मोदी ने कहा, जो लोग 30 साल तक बंगाल में राज करते थे उन्होंने बंगाल की क्या हालत करके रख दी है सारा देश जानता है. जो दल पश्चिम बंगाल में किसानों के अहित पर कुछ नहीं बोलते, वो यहां किसान के नाम पर देश की अर्थनीति को बर्बाद करने में लगे हुए हैं. ये दल मंडियों की बात कर रहे हैं और बड़ी-बड़ी हेडलाइन लेने के लिए भाषण दे रहे हैं. लेकिन वही दल जिन्होंने बंगाल को बर्बाद किया, केरल के अंदर उनकी सरकार है. इससे पहले जो 50-60 साल राज करते थे उनकी सरकार थी केरल में APMC मंडियां नहीं हैं. केरल में आंदोलन करके वहां APMC शुरू कराओ. दिल्ली: किसानों के समर्थन में AAP सांसदों ने संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने की नारेबाजी, बोले-काला कानून वापस लें.

ANI का ट्वीट:- 

पीएम मोदी ने कहा, किसानों के नाम पर अपने झंडे लेकर जो खेल खेल रहे हैं, अब उनको सच सुनना पड़ेगा. ये लोग अखबार और मीडिया में जगह बनाकर, राजनीतिक मैदान में खुद के जिंदा रहने की जड़ी-बूटी खोज रहे हैं. लेकिन देश का किसान उनको पहचान गया है. ये वही लोग हैं जो वर्षों तक सत्ता में रहे. इनकी नीतियों की वजह से देश की कृषि और किसान का उतना विकास नहीं हो पाया जितना उसमें सामर्थ्य था. पहले की सरकारों की नीतियों की वजह से सबसे ज्यादा बर्बाद छोटा किसान हुआ. पीएम मोदी ने कहा, कुछ राजनीतिक दल जिन्हें देश की जनता ने लोकतांत्रिक तरीके से नकार दिया है, वो आज कुछ किसानों को गुमराह करके जो कुछ भी कर रहे हैं,

उन सभी को बार-बार नम्रता पूर्वक सरकार की तरफ से अनेक प्रयासों के बावजूद भी किसी न किसी राजनीतिक कारण से ये चर्चा नहीं होने दे रहे हैं.

जो किसानों के नाम पर आज आंदोलन कर रहे हैं, जब उनका समय था तब वे चुप थे. जो लोग आंदोलन चला रहे हैं तब वे उस सरकार को समर्थन करते थे. यही लोग स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के ऊपर सालों तक बैठे थे. हमने आकर निकाला क्योंकि हमारे जीवन का मंत्र किसान की ज़िंदगी का भला करना है.