चिराग पासवान को झटका, लोकसभा में चाचा पशुपति पारस होंगे LJP के नेता, स्पीकर ने दी मान्यता
एलजेपी में उठे सियासी घमासान के बीच सोमवार देर शाम लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने सांसद पशुपति पारस को एलजेपी के संसदीय दल के नेता के तौर पर मान्यता दे दी. पशुपति पारस LJP संसदीय दल के नेता बन गए हैं.
नई दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में उठे सियासी घमासान के बीच चिराग पासवान (Chirag Paswan) को एक और झटका लगा है. सोमवार देर शाम लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला (Om Birla) ने सांसद पशुपति पारस (Pashupati Paras) को एलजेपी के संसदीय दल के नेता के तौर पर मान्यता दे दी. पशुपति पारस LJP संसदीय दल के नेता बन गए हैं. पार्टी के छह में से पांच सांसदों ने उन्हें अपना नेता चुना था और स्पीकर को पत्र दिया था. स्पीकर ने एलजेपी सांसदों को मांग को स्वीकर कर लिया है. पशुपति पारस को LJP का संसदीय दल के नेता के रूप में मान्यता दे दी है. पहले चिराग पासवान संसदीय दल के नेता थे. Bihar: टूट गई लोक जनशक्ति पार्टी, रामविलास पासवान के निधन के बाद बेटे चिराग को मिली थी कमान.
इससे पहले, LJP में दिन भर सियासी हलचल देखने को मिली. दिवंगत नेता रामविलास पासवान के छोटे भाई सांसद पशुपति पारस ने कहा था कि पार्टी के 5 सांसद एकजुट हैं और NDA में बने रहेंगे. जिसके बाद पार्टी के सभी सांसदों ने चिराग पासवान को किनारे करते हुए पशुपति परस को अपना नेता चुना और इस संबंध में लोकसभा अध्यक्ष को एक पत्र सौंपा, जिसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें संसदीय दल के नेता के रूप मे मान्यता दी.
लोकसभा स्पीकर ने एलजेपी के पांच सांसदों की ओर से की गई मांग को स्वीकार कर लिया है. जिसके बाद अब चिराग पासवान की से अब आधिकारिक रूप से पार्टी के संसदीय दल के नेता की कमान छिन गई है. अब चिराग की जगह उनके चाचा पशुपति पारस लोकसभा में एलजेपी संसदीय दल के नेता बन गए हैं.
पूरे सियासी घमासान पर पशुपति पारस ने कहा, ‘‘ मैंने पार्टी को तोड़ा नहीं, बल्कि बचाया है.’’ उन्होंने कहा कि लोजपा के 99 प्रतिशत कार्यकर्ता पासवान के नेतृत्व में बिहार 2020 विधानसभा चुनाव में JDU के खिलाफ पार्टी के लड़ने और खराब प्रदर्शन से नाखुश हैं.
चुनाव में खराब प्रदर्शन के संदर्भ में उन्होंने कहा कि LJP टूट के कगार पर थी. उन्होंने कहा कि उनका गुट बीजेपी नीत NDA सरकार का हिस्सा बना रहेगा.