नई दिल्ली. पालघर मॉब लिंचिंग (Palghar Lynching Case) मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) को पुलिसकर्मियों के रोल को लेकर जांच की स्थिति से अवगत करने के लिए कहा है. इसके साथ ही कोर्ट ने महाराष्ट्र की उद्धव सरकार (Uddhav Govt) को चार्जशीट की कॉपी की प्रति भी उसके समक्ष दाखिल करने के लिए कहा है. इस मामले में अब तीन सप्ताह बाद सुनवाई होने वाली है.
बता दें कि न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति सुभाष रेड्डी की पीठ ने राज्य की उद्धव सरकार से कहा कि वह संबंधित निचली कोर्ट के सामने दायर किए गए चार्जशीट को उसके सामने पेश करे. केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए महाधिवक्ता तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि अदालत को विचार करना है कि क्या इस पूरी घटना में कोई पुलिस वाला शामिल था या फिर कर्तव्य का पालन करने में कोई कोताही तो नहीं हुई जिसके कारण उनके खिलाफ कोई एक्शन लिया जा सके. यह भी पढ़ें-Palghar Lynching Case: पालघर मामला CBI को सौंपने के लिए याचिका पर न्यायालय का महाराष्ट्र सरकार को नोटिस
ANI का ट्वीट-
Supreme Court asks Maharashtra govt to bring on-record the details of inquiry against police personnel & action taken against them in Palghar incident. Court also asks the state govt to bring on-record the chargesheets filed in incident. Matter posted for hearing after 3 weeks. pic.twitter.com/O3qB2BV9cY
— ANI (@ANI) August 6, 2020
गौरतलब है कि यह पूरी घटना लॉकडाउन के दौरान 16 अप्रैल की रात को हुई थी. इस घटना ने महाराष्ट्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया हुआ. देश के अलग-अलग हिस्सों से इस मामले में तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है. इस मामले में , लोग मुंबई के कांदीवली से गुजरात के सूरत में एक अंतिम यात्रा में शामिल होने जा रहे थे. इसी दौरान भीड़ ने गढ़चिंचले गांव के निकट उनकी कार को रोका और पुलिसवालों की मौजूदगी में उन्हें पीट-पीटकर मार डाला.