देश की राजनैतिक सरगर्मी के बीच शीतकालीन सत्र (Winter Session) से ठीक एक दिन पहले विपक्ष की अहम मीटिंग है. साल 2019 के आम चुनाव (Election 2019) से पहले बीजेपी (BJP) को कड़ी टक्कर देने के अपने प्लान पर काम करने और महागठबंधन पर चर्चा करने के लिए सोमवार को दिल्ली में शीर्ष विपक्षी नेताओं की बैठक होगी. यह बैठक अधिक महत्वपूर्ण इसलिए है क्यों कि मध्य प्रदेश,छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम विधानसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा और संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से एक दिन पहले होगी. इस बैठक की अगुवाई टीडीपी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चन्द्रबाबू नायडू बैठक का कर रहे है. उन्होंने सभी गैर-बीजेपी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया है. विपक्ष की ये बैठक संसद भवन (Parliament House) में ही होगी.
विपक्ष की इस बैठक का मुख्य एजेंडा एंटी-बीजेपी मोर्चा बनाने के लिए भविष्य की कार्रवाई तय करना है.' कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की अध्यक्ष सोनिया गांधी के भी बैठक में भाग लेने की उम्मीद है. बैठक में शीतकालीन सत्र के प्रमुख मुद्दों पर भी रणनीति तैयार होगी.
राम मंदिर है सबसे बड़ा मुद्दा
सूत्रों की माने तो इस मीटिंग में विपक्ष का ध्यान राम मंदिर मुद्दे पर अधिक होगा, क्यों कि पिछले कुछ समय से देश में राम मंदिर मुद्दा आक्रामक मोड़ पर है. संत समाज सहित आरएसएस (RSS) भी सरकार पर राम मंदिर के लिए अध्यादेश का दबाव बना रही है. इस मुद्दे पर शिवसेना की एंट्री के बाद मामला और भी गंभीर हो गया है. ऐसे में अब विपक्ष की इस विषय पर रणनीति बनाने पर विचार करेगा कि यदि सरकार राम मंदिर (Ram Mandir) पर अध्यादेश लाती है या कोई अन्य विशेष निर्णय केंद्र द्वारा लिया जाता है तो उनका कदम क्या होगा.
ये हैं अन्य मुद्दे
11 दिसंबर से शुरू हो रहा शीतकालीन सत्र 8 जनवरी 2019 तक चलेगा जो कि 29 दिनों का होगा. राम मंदिर मुद्दे के अलावा इस बार विपक्षी दलों के लिए राफेल, जीएसटी, किसान समस्या समेत कई अहम मुद्दे हैं. 10 दिसंबर को होने वाले इस मीटिंग में विपक्षी इन सभी पर सरकार को घेरने की अपनी रणनीति को अंतिम रूप देंगे.