पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने बांग्लादेशी मुस्लिमों को देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बताया खतरा, कहा- राज्य में भी लागू हो NRC
पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्‍यक्ष दिलीप घोष (Photo Credits- Facebook)

पश्चिम बंगाल (West Bengal) बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip Ghosh) ने देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बांग्लादेशी मुस्लिमों (Bangladeshi Muslims) को बाहर निकालने के लिए राज्य में एनआरसी (NRC) लागू करने की शनिवार को मांग की. उन्होंने कहा कि बीजेपी (BJP) नागरिकता संशोधन विधेयक के जरिए हिंदू शरणार्थियों (Hindu Refugees) के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है. दिलीप घोष ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) सरकार पर अपना अल्पसंख्यक वोट बैंक (Minority Vote Bank) सुरक्षित रखने के लिए बंगाल के सीमावर्ती इलाकों में बांग्लादेशियों की घुसपैठ में मदद करने का आरोप लगाया.

उन्होंने कोलकाता (Kolkata) में पत्रकारों से कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि असम की तरह बंगाल में भी एनआरसी लागू होनी चाहिए. अगर टीएमसी सरकार कोई कठिन फैसला लेना नहीं चाहती तो हम इसे लागू करेंगे और 2021 में सत्ता में आने के बाद राज्य से बांग्लादेशी मुस्लिमों को बाहर निकाल देंगे.’’ दिलीप घोष ने कहा कि धार्मिक अत्याचारों या अन्य कारणों से बांग्लादेश या अन्य देशों को छोड़ने के लिए विवश हुए हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता संशोधन विधेयक के तहत देश की नागरिकता दी जाएगी. यह भी पढ़ें- पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष के खिलाफ केस दर्ज, पुलिसकर्मियों और TMC कार्यकर्ताओं को पीटने को लेकर दिया था बयान.

गौरतलब है कि शनिवार को जारी की गई एनआरसी लिस्ट में 19 लाख से अधिक आवेदक अपना स्थान बनाने में विफल रहे. इससे लिस्ट से बाहर रखे गए आवेदकों का भविष्य अधर में लटक गया है क्योंकि यह लिस्ट असम में वैध भारतीय नागरिकों की पुष्टि से संबंधित है. एनआरसी के राज्य समन्वयक कार्यालय ने एक बयान में कहा कि 3,30,27,661 लोगों ने एनआरसी में शामिल होने के लिए आवेदन दिया था. इनमें से 3,11,21,004 लोगों को दस्तावेजों के आधार पर एनआरसी में शामिल किया गया है और 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया है.

भाषा इनपुट