भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने जीवन बीमा और चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर लगने वाले 18 प्रतिशत GST को हटाने की अपील की है. गडकरी ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि नागपुर डिवीजन जीवन बीमा निगम कर्मचारी संघ ने उन्हें इन मुद्दों पर एक ज्ञापन सौंपा है.
'जीवन की अनिश्चितताओं पर टैक्स लगाने जैसा है'
गडकरी ने अपने पत्र में बताया कि संघ का मानना है कि लोगों को जोखिम के खिलाफ सुरक्षा कवर खरीदने में सक्षम बनाने के लिए बीमा प्रीमियम पर टैक्स नहीं लगाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसी प्रकार, चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत GST इस व्यापार के क्षेत्र के विकास में बाधा बन रहा है, जो सामाजिक रूप से आवश्यक है.
Withdraw 18% GST on life and medical insurance premium: Nitin Gadkari writes to FM Nirmala Sitharaman pic.twitter.com/J6BWtKISVw
— The NewsWale (@TheNewswale) July 31, 2024
विकास में बाधक है 18 प्रतिशत GST
नितिन गडकरी ने अपने पत्र में इस बात पर भी जोर दिया कि जीवन बीमा के माध्यम से बचत के उपचार, चिकित्सा बीमा प्रीमियम के लिए आईटी कटौती की पुनः शुरुआत और सार्वजनिक क्षेत्र के सामान्य बीमा कंपनियों के एकीकरण जैसे मुद्दे भी संघ द्वारा उठाए गए हैं.
गडकरी की इस अपील ने बीमा क्षेत्र के कई पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया है, जिसमें मुख्य रूप से उच्च GST दरों के कारण आने वाली बाधाएं शामिल हैं. यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती हैं और क्या बीमा प्रीमियम पर GST में कोई राहत मिल सकती है, जो कि इस क्षेत्र के विकास और सामाजिक सुरक्षा के लिए आवश्यक है.