केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने बीजेपी नेतृत्व पर दिए अपने बयान पर सफाई दी है. गडकरी ने कहा कि मेरी कही बात को गलत तरीके से पेश किया गया. गडकरी ने ट्वीट करते हुए कहा कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पार्टी विरोधी बनाकर पेश किया गया है. उन्होंने कहा 'मैंने पिछले कुछ दिनों से यह देखा है कि कुछ विरोधी दल और मीडिया का एक धड़ा मेरे बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश करता है. गडकरी ने कहा कि इसका इस्तेमाल वे मुझे और मेरी पार्टी (बीजेपी) को नीचा दिखाने के लिए करते हैं.' गडकरी ने इसे अपने और बीजेपी लीडरशिप के बीच दूरी पैदा करने की साजिश करार देते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि यह कभी कामयाब नहीं होगी.
केंद्रीय मंत्री ने अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा कि मैं मजबूती से इस तरह के झूठे और भड़कानेवाले व्यवहार की निंदा करता हूं. उन्होंने संदर्भ से अलग काटकर उनके बयानों के प्रयोग की इस प्रवृति की भी आलोचना की. बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने एक और ट्वीट में लिखा कि पार्टी और शीर्ष नेतृत्व के साथ टकराव के झूठे प्रचार से भी उनका पार्टी के साथ रिश्ता खराब नहीं होगा.
In the last few days, I have noticed a sinister campaign by some opposition parties and a section of the media to twist my statements and use them out of context and draw politically motivated inferences to malign me and my party.
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) December 23, 2018
गडकरी ने ट्वीट किया, 'एक बार फिर से सबको स्पष्ट कर देना चाहता हूं शीर्ष नेतृत्व और पार्टी के साथ मेरी तनाव की झूठी खबरें फैलानेवाले लोग बीजेपी नेतृत्व और मेरे बीच किसी तरह की दूरी नहीं बढ़ा पाएंगे. विभिन्न मंचों से मैंने अपनी स्थिति स्पष्ट की है और आगे भी ऐसा करता रहूंगा. झूठे प्रचार करनेवालों का असली चेहरा सामने लाता रहूंगा.' यह भी पढ़ें- नितिन गडकरी बोले- PM का चेहरा बनने में कोई दिलचस्पी नहीं, जहां हूं वहीं खुश हूं
Let me make it clear once and for all that conspiracies to create a wedge between me and the BJP leadership will never succeed.
I have been clarifying my position at various forums and shall continue to do so and expose these nefarious designs of our detractors.
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) December 23, 2018
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से नितिन गडकरी के बयान को लेकर घमासान मचा हुआ है. पार्टी और शीर्ष नेतृत्व के बारे में दिया गया गडकरी का बयान में मीडिया सुर्खियों में रहा. इस बयान के बाद गड़करी के प्रधानमंत्री मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ तनाव की खबर भी उछलने लगी.
दरअसल गडकरी ने शनिवार को पुणे जिला शहरी सहकारी बैंक असोसिएशन लिमिटेड के आयोजित एक कार्यक्रम में चुनाव नतीजों में हुई बीजेपी की हार पर ‘नेतृत्व’ को ‘हार और विफलताओं’ की भी जिम्मेदारी लेने की बात कही थी. साथ ही कहा था कि ‘सफलता के कई दावेदार होते हैं लेकिन विफलता में कोई साथ नहीं होता. सफलता का श्रेय लेने के लिए लोगों में होड़ रहती है लेकिन नाकामी को कोई स्वीकार नहीं करना चाहता, सब दूसरे की तरफ उंगली दिखाने लगते हैं