केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण रविवार को भारत में मुसलमानों के साथ व्यवहार को लेकर उठ रहे सवालों और अमेरिका में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस विषय पर उनके जवाब के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बचाव में उतरीं. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उनके शासनकाल में अमेरिका ने "छह मुस्लिम-बहुल देशों पर बमबारी की थी".
उन्होंने बिना डेटा के गैर-मुद्दे उठाने के लिए कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर भी पलटवार किया. यहां पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, सीतारमण ने कहा, "मिस्र मुस्लिम आबादी के मामले में छठे स्थान पर है और प्रधानमंत्री मोदी को मिस्र का सर्वोच्च पुरस्कार मिलना भारत के लिए गर्व की बात है. मोदी को अब तक 13 पुरस्कार मिल चुके हैं." Customs Duty Remove On US Products: अमेरिका के इन 8 उत्पादों से सीमा शुल्क हटाएगा भारत
उने कहायह कहते हुए कि वे मोदीजी को मिस्र का सर्वोच्च पुरस्कार मिलने पर बधाई देना चाहते हैं, उन्होंने कहा कि कैसे पीएम को 13 पुरस्कार मिले हैं, जिनमें उन देशों द्वारा दिए गए छह पुरस्कार शामिल हैं, जहां मुस्लिम बहुसंख्यक हैं.
#WATCH | FM Nirmala Sitharaman says, "...It was surprising that when PM was visiting the US, a former US President (Barack Obama) was making a statement on Indian Muslims...I am speaking with caution, we want a good friendship with the US. But comments come from there on India's… pic.twitter.com/6uyC3cikBi
— ANI (@ANI) June 25, 2023
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने खुद अमेरिका में अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि उनकी सरकार 'सबका साथ, सबका विकास' सिद्धांत पर काम करती है और किसी भी समुदाय के साथ कोई भेदभाव नहीं करती है. लेकिन तथ्य यह है कि जब लोग बार-बार इस बहस में शामिल होते हैं और मुद्दों को उजागर करते हैं जो एक तरह से गैर-मुद्दे हैं, क्योंकि अगर राज्यों में कोई मुद्दे हैं जिन्हें उठाया जाना है, तो उन्हें राज्य स्तर पर उठाया जाता है और कानून और व्यवस्था राज्य का विषय है, लोग इसका ख्याल रख रहे हैं, चुनी हुई सरकारें हैं जो राज्य इस पर प्रतिक्रिया देते हैं.''
सीतारमण ने कहा, "हाथ में बुनियादी डेटा के बिना सिर्फ आरोप लगाना हमें बताता है कि ये संगठित अभियान हैं जो जानबूझकर हमारेे प्रधानमंत्री के खिलाफ चलाए जा रहे हैं, अन्यथा देश प्रधानमंत्री को इतना सम्मान क्यों देंगे और समझ में विकृति क्यों होगी. उन्होंने कहा, ''भारत और इसकी अल्पसंख्यक आबादी, चाहे वे किसी भी धर्म से हों, मुख्यधारा का हिस्सा हैं.''
एक साक्षात्कार के दौरान भारत में मुसलमानों की स्थिति पर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा की टिप्पणियों पर निशाना साधते हुए सीतारमण ने कहा : "मैं हैरान थी. जब प्रधानमंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे, तो एक पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति भारतीय मुसलमानों पर बयान दे रहे थे."
"हम अमेरिका के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं लेकिन वहां भी हमें भारत में धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में टिप्पणियां मिलती हैं. एक पूर्व राष्ट्रपति - जिनके शासन में छह मुस्लिम-बहुल देशों पर 26,000 से अधिक बम फेंके गए थे - लोग उनके आरोपों पर कैसे भरोसा करेंगे? सीरिया से, यमन, इराक, ईरान, सात देशों में युद्ध जैसी स्थिति थी."
उन्होंने दावा किया कि यही कारण है कि विपक्षी नेता भारत के पक्ष में बात नहीं करते, क्योंकि वे मोदी को हरा नहीं पाएंगे, वे ऐसे लोगों को लाते हैं और उनके कारण वे जमीनी विवरण जाने बिना बहस में भाग लेते हैं.
उन्होंने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि वे चुनावी तौर पर बीजेपी या पीएम मोदी का मुकाबला नहीं कर सकते - कर्नाटक चुनाव परिणाम के बावजूद - इसलिए वे ये अभियान चला रहे हैं और पिछले कुछ चुनावों में कांग्रेस की इसमें बड़ी भूमिका रही है.
उन्होंने कहा, "वे पाकिस्तान जाते हैं और सरकार बदलने के लिए उनकी मदद मांगते हैं और यहां तक कि वे विदेशों से भारत में टूलकिट की मदद भी लेते हैं. ऐसा लगता है कि उन्हें खुद पर भरोसा नहीं है और इसलिए वे प्रधानमंत्री के खिलाफ आरोप लगाने के लिए इस तरह का रास्ता अपनाते हैं."
सीतारमण ने यह भी कहा, ''मुझे यह देश में माहौल खराब करने का जानबूझकर किया गया प्रयास लगता है, क्योंकि उन्हें लगता है कि वे प्रधानमंत्री मोदी की विकासात्मक नीतियों के खिलाफ नहीं जीत सकते.
भाजपा सरकार के कार्यों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि चाहे वह गरीबों को घर देना हो, शौचालय देना हो, खाना पकाने का सिलेंडर देना हो या महिलाओं को सम्मान देना हो या यह सुनिश्चित करना हो कि हर नीति गरीबों के लिए काम करे और लोकतंत्र को समझना और लोकतंत्र का समर्थन करना हो.
मंत्री ने कहा, "और उन्हें लगता है कि वे मोदी को नहीं हरा सकते, इसलिए उन्होंने इस देश में असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया. मुझे बताएं कि देश में कितने लोग बोल रहे थे. जो लोग प्रधानमंत्री पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें इस तरह के आरोप लगाने से पहले अपनी उपलब्धियां सामने रखनी चाहिए."