वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था में मंदी पर मनमोहन सिंह के बयान को किया खारिज, कहा- उद्योग की समस्याओं पर सरकार का ध्यान

देश की अर्थव्यवस्था के बारे में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोई जवाब नहीं दिया. रविवार को पत्रकारों ने वित्त मंत्री से पूछा कि मनमोहन सिंह के आरोपों पर उनका क्या कहना है. इसके जवाब में निर्मला सीतारमण ने कहा कि 'उन्होंने जो कहा, उस पर मेरा कोई विचार नहीं है. उन्होंने जो कहा है मैंने भी उसे सुना है.

निर्मला सीतारमण और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह (Photo Credit: IANS/Pixabay/Getty Images)

देश की अर्थव्यवस्था के बारे में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) के बयान पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कोई जवाब नहीं दिया. रविवार को पत्रकारों ने वित्त मंत्री से पूछा कि मनमोहन सिंह के आरोपों पर उनका क्या कहना है. इसके जवाब में निर्मला सीतारमण ने कहा कि 'उन्होंने जो कहा, उस पर मेरा कोई विचार नहीं है. उन्होंने जो कहा है मैंने भी उसे सुना है. 'वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, क्या डॉ. मनमोहन सिंह कह रहे हैं कि 'राजनीतिक प्रतिशोध में शामिल होने के बजाय उन्हें चुप्पी साधे लोगों से सलाह लेनी चाहिए? क्या उन्होंने ऐसा कहा है? ठीक है, धन्यवाद, मैं इस पर उनकी बात सुनूंगी. यही मेरा जवाब है. चेन्नई में रविवार को एक कार्यक्रम में निर्मला सीतारमण ने कहा सरकार कई क्षेत्रों के लोगों से बातचीत कर रही है. कुछ क्षेत्रों में इन्वेंट्री जमा हो रही है. इन क्षेत्रों के लोगों की बात सुनी गई है और 23 तारीख को घोषणाएं भी की गई थीं. पिछले शुक्रवार को भी हमने घोषणाएं की थीं.

सीतारमण ने कहा, 'ऑटो इंडस्ट्री के लोग हमसे मिलने आए थे. उनसे बातचीत के बाद हमारे पास घोषणाओं की एक पूरी लिस्ट है. बातचीत काफी सकारात्मक रही. ऑटो इंडस्ट्री में जीएसटी दर में कटौती मेरे हाथ में नहीं है. जीएसटी परिषद को अंतिम निर्णय लेना है. फिलहाल मूल्यह्रास दर (डिप्रेशिएसन रेट) 15 प्रतिशत है और इस साल हम इसे 30 प्रतिशत पर लाएंगे. यह भी अपने आप में एक लाभ होगा.'

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पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के बयान पर वित्त मंत्री की प्रतिक्रिया-

वित्त मंत्री ने कहा, "मैं उद्योगों से मिल रही हूं और उनके इनपुट्स ले रही हूं. सरकार से वे क्या चाहते हैं, इस पर सुझाव ले रही हूं. मैं उनका जवाब भी दे रही हूं. मैं पहले भी दो बार ऐसा कर चुकी हूं और ऐसा आगे भी करूंगी. "

नौकरियों के सवाल पर निर्मला सीतारमन ने कहा कि ज्यादातर जॉब्स असंगठित क्षेत्र में होती हैं और उनका डेटा नहीं है. उन्होंने बैंकों के विलय पर एसबीआई का अन्य बैंकों के साथ विलय का हवाला दिया और कहा कि कर्मचारियों की कोई छंटनी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में अधिकतर नौकरियां अनौपचारिक क्षेत्र में पैदा होती हैं, जिसका कोई लेखा-जोखा नहीं होता है.

बता दें कि देश की अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर है. जीडीपी में तेज गिरावट को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Former PM Manmohan Singh) ने अर्थव्यवस्था पर चिंता व्यक्त की और केंद्र सरकार पर निशाना साधा. पूर्व पीएम ने कहा अर्थव्यवस्था की स्थिति आज बहुत चिंताजनक है. पिछली तिमाही में विकास दर 5 फीसदी यह बताता है कि अर्थव्यवस्था में स्लोडाउन चल रहा है. मनमोहन सिंह ने कहा, भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी से आगे बढ़ने की क्षमता है, लेकिन मोदी सरकार के कुप्रबंधन ने देश की अर्थव्यवस्था को मंदी में ढकेल दिया है.

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