NPR पर बीजेपी-कांग्रेस में टशन, ये राज्य कर सकते हैं प्रक्रिया में 'असहयोग'
सोनिया गांधी व पीएम मोदी (Photo Credits PTI)

नई दिल्ली:- नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) पर कांग्रेस और केंद्र सरकार के बीच तनातनी बरकार है. इसी बीच अब कांग्रेस राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को लेकर मोदी सरकार से दो-दो हाथ करने का मन बना चुकी है. जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है वहां पर एनपीआर की होने प्रक्रिया के दौरान वहां की सरकारे सहयोग करने से इनकार कर सकती है. मोदी सरकार के लिए एनपीआर प्रक्रिया इन राज्यों में शुरू करवाना टेढ़ी खीर साबित होने वाली है. वहीं केरल की वामपंथी सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर से जुड़ी आधिकारिक प्रक्रिया में सहयोग नहीं करने के अपने निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया है.

वहीं अब सवाल उठता है कि अगर केरल के बाद महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश, झारखंड और छतीसगढ़ में एनपीआर का विरोध होता है, तो इससे सबकी निगाहें विपक्षी दलों पर होगी. जो मोदी सरकार के इस फैसले के खिलाफ क्या कदम उठाती हैं. बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एनपीआर की कवायद को खतरनाक गेम करार दिया है. उन्होंने कहा था कि माता-पिता के जन्मस्थान का विवरण मांगने वाला फॉर्म कुछ और नहीं, बल्कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी के क्रियान्वयन का पूर्व संकेत है. ममता बनर्जी भी पीएम मोदी की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले बैठी हैं.

दूसरी तरफ सीएए-एनपीआर-एनआरसी के बीच संबंध के बारे में लोगों को जानकारी देने के लिए माकपा जल्द ही हर घर जाकर जानकारी देगी. पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा है कि पूरे देश में यह अभियान चलाया जाएगा. गौरतलब हो कि कांग्रेस समेत देश के 20 विपक्षी दलों ने संशोधित नागरिकता कानून को वापस लेने और राष्ट्रीय नागरिक पंजी पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा है कि वो सभी मुख्यमंत्री राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर की प्रक्रिया को निलंबित करें जिन्होंने अपने राज्यों में एनआरसी लागू नहीं करने की घोषणा की थी.