श्रीनगर. गृह मंत्री अमित शाह बृहस्पतिवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस के निरीक्षक अरशद अहमद खान के घर पहुंचे और परिजनों से मुलाकात कर उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार उनका पूरा ध्यान रखेगी. अनंतनाग जिले में 12 जून को हुए आतंकवादी हमले में घायल होने के बाद खान की उपचार के दौरान मौत हो गई थी. शाह अधिकारियों के साथ शहर के सिविल लाइन्स इलाके के पास बाल गॉर्डन स्थित खान के आवास पर पहुंचे और उनके पिता व माता मुश्ताक अहमद खान और महबूबा बेगम के अलावा उनकी पत्नी, भाई और बच्चों उहबान (5) और दामीन (18 माह) से मुलाकात की.
बैठक में मौजूद रहे खान के एक रिश्तेदार ने बताया कि गृह मंत्री ने संवेदना प्रकट की तथा आश्वासन दिया कि सरकार देश के बहादुर बेटे के परिवार का ख्याल रखेगी. एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री ने खान की पत्नी को राज्य सरकार में नौकरी का नियुक्ति पत्र भी सौंपा. यह भी पढ़े-गृह मंत्री अमित शाह ने देश के लिए शहीद हुए इंस्पेक्टर अरशद अहमद खान के परिवार से की मुलाकात
शाह ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा, “राष्ट्र की सुरक्षा के लिए बलिदान ने कई जान बचाई हैं। पूरे राष्ट्र को अरशद खान के साहस पर गर्व है.” 12 जून के आतंकवादी हमले में 37 साल के खान घायल हो गए थे जिन्हें बाद में विशेष उपचार के लिए दिल्ली लाया गया था. हालांकि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी.
Visited the home of inspector Arshad Khan, SHO Anantnag in Srinagar, who was martyred in a terror attack & offered my condolences to the bereaved family.
His sacrifice for the security of our nation has saved many lives. Entire nation is proud of Arshad Khan‘s valour & courage. pic.twitter.com/eByqlVubo6
— Amit Shah (@AmitShah) June 27, 2019
बता दें कि इस आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के पांच जवान शहीद हो गए थे. जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने अर्द्धसैनिक बल के गश्ती दल पर हमला कर दिया था. अनंतनाग में सदर पुलिस थाने के थाना प्रभारी खान हमले के तुरंत बाद घटनास्थल पर पहुंचे थे.
अधिकारियों ने बताया था कि वह जैसे ही अपने बुलेटप्रूफ वाहन से अपनी सर्विस राइफल के साथ बाहर निकले आतंकवादी ने उन पर अंधाधुंध गोलियां बरसा दीं. इनमें से एक गोली उनकी सर्विस राइफल से टकरा कर उन्हें जा लगी. उन्होंने बताया था कि इस स्थिति में भी खान आतंकवादी पर गोलियां बरसाते रहे और बाद में निढाल होकर गिर पड़े.