ED की जांच से डरकर नारायण राणे बीजेपी में हुए थे शामिल, शिवसेना नेता ने केंद्रीय एजेंसी से पूछे सवाल
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Photo Credits: ANI)

मुंबई: शिवसेना (Shiv Sena) के नेता विनायक राउत (Vinayak Raut) ने बुधवार को यह दावा करते हुए केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) पर निशाना साधा कि जब प्रवर्तन निदेशालय ने उनके विरूद्ध जांच शुरू की तब वह भाजपा में शामिल हो गये. शिवसेना के लोकसभा सदस्य विनायक राउत ने यह भी जानना चाहा कि उन आरोपों का क्या हुआ जो भाजपा नेता किरीट सौमैया ने राणे के विरूद्ध उनके कांग्रेस पार्टी में रहने के दौरान लगाये थे. महाराष्ट्र सरकार को गिराने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है : संजय राउत

राणे ने शिवसेना से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी और वह 195-99 के दौरान महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा के सत्ता में रहने के दौरान एक साल से भी कम समय के लिए मुख्यमंत्री थे. बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गये और मंत्री बने.

कुछ साल बाद राणे ने कांग्रेस छोड़ दी और महाराष्ट्र स्वाभिमानी पार्टी बनायी. वर्ष 2018 में उन्होंने इपनी इस पार्टी का भाजपा में विलय कर दिया. भाजपा में शामिल होने के बाद वह 2019 में राज्यसभा सदस्य बने. उन्हें सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रम मंत्री बनाये गये.

विनायक राउत ने कहा, ‘‘सोमैया ने राणे के विरूद्ध भ्रष्टाचार में लिप्त रहने एवं बिना लेखा जोखा वाली संपत्ति इकट्ठा करने समेत कई गंभीर आरोप लगाये थे. उसके बाद ईडी ने कुछ खोखा कंपनियों की जांच की. राणे डर गये और भाजपा में चल गये. मैं आशा करता हूं कि सोमैया उन सबूतों को फिर ईडी को देंगे जो उनके पास थे और अधिकारी उनके विरूद्ध कार्रवाई करेंगे. हम निश्चित ही इस पर ईडी का जवाब चाहेंगे.’’

विनायक राउत के इस बयान से एक दिन पहल शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने भी कुछ भाजपा नेताओं एवं व्यापारियों पर भ्रष्टाचार में लिप्त रहने का आरोप लगाया था.

हालांकि राणे ने बुधवार को कहा कि संजय राउत बिना किसी दस्तावेजी सबूत के भाजपा नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं.

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