मुंबई: मेगा-मोर्चा में बोले राज ठाकरे, कहा- मुस्लिम क्यों कर रहे हैं CAA का विरोध, किसे दिखा रहे हैं ताकत?

महाराष्ट्र की बदलती राजनीति में राज ठाकरे (Raj Thackeray) की पार्टी मनसे (Maharashtra Navnirman Sena) ने अपना नया भगवा झंडा जारी करने के बाद पाकिस्तानी और बंगलादेशी घुसपैठियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसी कड़ी में रविवार को राज ठाकरे ने गिरगांव चौपाटी से आजाद मैदान तक एक बड़ा मोर्चा निकालकर सियासी राजनीति में हलचल मचा दी है. इस दौरान राज ठाकरे ने सभा संबोधित करते हुए कहा कि, मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि क्यों मुस्लिम नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सीएए देश में जन्मे मुसलमानों के खिलाफ नहीं है. फिर क्यों आप अपनी ताकत दिखा रहे हैं.

मनसे चीफ राज ठाकरे ( फोटो क्रेडिट- ANI )

मुंबई:- महाराष्ट्र की बदलती राजनीति में राज ठाकरे (Raj Thackeray) की पार्टी मनसे (Maharashtra Navnirman Sena) ने अपना नया भगवा झंडा जारी करने के बाद पाकिस्तानी और बंगलादेशी घुसपैठियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसी कड़ी में रविवार को राज ठाकरे ने गिरगांव चौपाटी से आजाद मैदान तक एक बड़ा मोर्चा निकालकर सियासी राजनीति में हलचल मचा दी है. इस दौरान राज ठाकरे ने सभा संबोधित करते हुए कहा कि, मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि क्यों मुस्लिम नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सीएए देश में जन्मे मुसलमानों के खिलाफ नहीं है. फिर क्यों आप अपनी ताकत दिखा रहे हैं.

बता दें कि रैली से पहले राज ठाकरे अपनी पत्नी शर्मिला, बेटे अतिम ठाकरे के साथ शिवाजी पार्क स्थित घर से निकले और सभी ने पहले प्रभादेवी स्थित 220 साल पुराने सिद्धि विनायक मंदिर में भगवान गणेश के दर्शन कर उनकी आरती की. इसके बाद गिरगांव चौपाटी की ओर बढ़ने से पहले उन्होंने अपने शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के स्मारक के दर्शन किए. वहीं इस दौरान किसी भी प्रकार की अनहोनी न हो इसलिए पुलिस ने चाकचौबंद सुरक्षा व्यवस्था कर रखा था.

राज ठाकरे ने कही ये बात 

मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने बीते शनिवार को कहा था कि गैर-कानूनी रूप से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आकर भारत में बसे प्रवासियों को 'उठाकर बाहर फेंक' दिया जाना चाहिए, क्योंकि वे देश पर अनावश्यक बोझ हैं. पुणे में मीडिया से बात करते हुए कहा था, "ये प्रवासी आते हैं और देशभर में फैल जाते हैं. राज्यों को उनका बोझ सहना पड़ता है. वे स्थानीय युवाओं की नौकरियां छीन लेते हैं. ऐसे प्रवासी चाहे जहां भी हों, उन्हें देश से बाहर कर दिया जाना चाहिए.

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