मध्य प्रदेश: मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिया इस्तीफा, बीजेपी पर लगाया लोकतंत्र की हत्या का आरोप
सीएम कमलनाथ ने अपने पद से इस्तीफा देने का किया ऐलान. उन्होंने कहा कि मैं अपना त्यागपत्र गवर्नर को सौपेंगे. इस दौरान उन्होंने प्रेस कांफ्रेस कर के कहा कि पछली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार पूर्ण बहुमत से बनी. 15 महीनों की सरकार में हमने प्रदेश की तस्वीर बदलने की कोशिश की. 40 से 45 साल के करियर में मैनें विकास को महत्व दिया है. बीजेपी को 15 साल की सरकार मिली थी और मुझे सिर्फ 15 महीने मिलें. लेकिन इन 15 महीनों में बीजेपी को मेरे काम रास नहीं आए. यही कारण है कि हमारी सरकार के खिलाफ साजिश की गई. बागी विधायकों पर उन्होंने कहा कि इन लोभियों को जनता कभी माफ नहीं करेगी. बीजेपी ने लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की. करोड़ो के खरीद-फरोख्त का खेल खेला गया है. उन्होंने कहा कि विधायकों को कैसे लेकर गए, उनके जाने की व्यवस्था किसने किया. लेकिन उन्हें जानना चाहिए कि आज- कल फिर आयगा.
मध्य प्रदेश में जारी सियासी घमासान के बीच सूबे के सीएम कमलनाथ ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि 15 महीनों में मेरा प्रयास रहा कि हम प्रदेश को नई दिशा दें, प्रदेश की तस्वीर बदलें. मेरा क्या कसूर था? इन 15 महीनों में मेरी क्या गलती थी? सीएम कमलनाथ ने प्रेस कांफ्रेस कर मीडिया से कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार पूर्ण बहुमत से बनी. 15 महीनों की सरकार में हमने प्रदेश की तस्वीर बदलने की कोशिश की. लेकिन यह काम बीजेपी को रास नहीं आई. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की. करोड़ो के खरीद-फरोख्त का खेल खेला गया है. हमारी सरकार के खिलाफ साजिश की गई. 40 से 45 साल के करियर में मैनें विकास को महत्व दिया है.
सीएम कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी ने मध्यप्रदेश की जनता से विश्वासघात किया है. हमने प्रदेश को मिलावट मुक्त बनाने की कोशिश की तो यह बीजेपी को रास नहीं आया. बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि गो माता के सरंक्षण के लिए गोशाला बनाया यह भी बीजेपी को पसंद नहीं आया. एक-एक कर के सीएम कमलनाथ ने अपने सरकार के काम गिनाकर बीजेपी पर हमला किया. उन्होंने कहा बीजेपी को कोई भी काम हमारी सरकार का रास नहीं आया. कमलनाथ ने कहा कि देश की जनता इन्हें कभी माफ नहीं करेगी.
सीएम कमलनाथ ने कहा:-
इससे पहले मध्यप्रदेश विधानसभा स्पीकर एन.पी. प्रजापति ने 16 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए है. उन्होंने कहा कि मैंने 16 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार किया हैं. विधानसभा का इतिहास है कि इतनी ज्यादा संख्या में विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करना एक अध्यक्ष को कितना भारी लगता है, कितना दुखी मन होता है. लेकिन क्या करें सदस्य खुद इस्तीफा दे रहे हैं. रिपोर्ट की माने तो कमलनाथ सरकार के पास बहुमत नहीं है.