मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा के उप-चुनाव (MP By Poll Election 2020) की तारीखों एलान भले ही न किया गया हो, मगर बीजेपी (BJP) के कांग्रेस पर हमले तेज हो गए हैं. इस दौरान बीजेपी और कांग्रेस दोनों के नेताओं ने एक दूसरे पर हमला करना शुरू कर दिया है. उप चुनाव की लड़ाई दोनों दलों के लिए वर्चस्व की लड़ाई बन गई है. जिसे लेकर अब दोनों ही दलों के नेता मैदान में उतर गए हैं. इस बीच बीजेपी के नेता जयभान सिंह पवैया (Jaibhan Singh Pawaiya) का एक विवादित बयान सामने आया है. जयभान सिंह पवैया ने ग्वालियर में मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को लेकर कहा कि, भाई-बहन में से किसी एक के कदम यहां पड़े. बीजेपी उसका स्वागत करती है.
जयभान सिंह पवैया ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए आगे कहा कि प्रियंका हमारे लिए चुनौती नहीं, वो कांग्रेस के लिए पनौती है और हम इंतजार कर रहे थे कि यहां भाई-बहन में से किसी एक का तो कदम पड़े इसलिए प्रियंका के आने का BJP स्वागत करती है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो उत्तर प्रदेश में उनके जाने से हुआ वो मध्य प्रदेश में भी हो. बता दें कि कई बार देखा गया है कि चुनाव के दौरान नेता एक दूसरे के खिलाफ इस तरह की बयान ऐसे बयान देते रहते हैं. वहीं, बीजेपी नेता के इस बयान के बाद कांग्रेस भी हमलावर हो गई है. यह भी पढ़ें:- MP Bypolls 2020: उपचुनाव से पहले कांग्रेस के तेवर आक्रामक, कमलनाथ बोले- शिवराज हर दिन 3 झूठ बोलते हैं, हार से नहीं सीखे सबक.
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प्रियंका हमारे लिए चुनौती नहीं, वो कांग्रेस के लिए पनौती है और हम इंतजार कर रहे थे कि यहां भाई-बहन में से किसी एक का तो कदम पड़े इसलिए प्रियंका के आने का BJP स्वागत करती है और जो उ.प्र में उनके जाने से हुआ वो म.प्र. में भी हो: म.प्र. आगामी उपचुनाव पर जयभान सिंह पवैया,BJP,ग्वालियर pic.twitter.com/9kszPrYN6U
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 26, 2020
बता दें कि राज्य में 28 सीटों पर विधानसभा के उप-चुनाव होने वाले हैं। उनमें 16 सीटें ग्वालियर-चंबल अंचल से हैं. उप-चुनाव से पहले ग्वालियर-चंबल इलाके में सियासत गर्माने लगी है. पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेषाध्यक्ष कमल नाथ ग्वालियर पहुंचे थे और रोड-शो के जरिए अपनी ताकत का प्रदर्शन किया था. आगामी विधानसभा के उप-चुनाव काफी अहम हैं, एक तरफ कमल नाथ की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है, तो दूसरी ओर शिवराज सिंह चौहान व ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपना जनाधार साबित करना है.