मध्य प्रदेश में उप-चुनाव की तारीख करीब आने के साथ ही बयानबाजी में तल्खी बढ़ती जा रही है. बीजेपी और कांग्रेस के नेता आमने-सामने हैं. हर कोई अपनी सियासी दांव चल रहा है. वहीं इस बीच कांग्रेस को उस वक्त बड़ा झटका लगा, जब कमलनाथ (Kamal Nath) द्वारा बार- बार आचार संहिता का उल्लंघन करने को लेकर चुनाव आयोग (Election Commission) ने स्टार प्रचारक का दर्जा छीन लिया. चुनाव आयोग के फैसले पर कमलनाथ ने कहा कि स्टार प्रचारक न तो कोई पद है और न ही कोई दर्जा. मैं चुनाव आयोग के फैसले पर टिप्पणी नहीं करना चाहता, केवल 10 नवंबर के बाद टिप्पणी करूंगा. अंत में, जनता सबसे ज्यादा मायने रखती है और वे सब कुछ जानते हैं.
एमपी उप-चुनाव के दौरान अपने बयान के कारण कई बार कमलनाथ बीजेपी के निशाने पर रहे हैं. इससे पहले उन्होंने सभा के दौरान बीजेपी उम्मीदवार इमरती देवी पर टिप्पणी करते हुए उन्हें आइटम कह दिया था. जिसकी शिकायत बीजेपी ने चुनाव आयोग से भी की थी. वहीं, इस बयान को मुद्दा बनाकर बीजेपी उन्हें लगातार घेरती रही. बता दें कि स्टार प्रचारक की लिस्ट से हटाये जाने के बाद उनके प्रचार का पूरा खर्च उम्मीदवार को ही देखना पड़ता है.
ANI का ट्वीट:-
Star campaigner is neither a post nor a status. I don't want to comment on EC's decision, will comment only after 10th Nov. In the end, public matters the most & they know everything: Congress leader Kamal Nath on EC revoking his star campaigner status for MP by-election campaign pic.twitter.com/vFagkhlYU3
— ANI (@ANI) October 31, 2020
गौरतलब हो कि इससे पहले चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेता कमल नाथ को कहा था कि उन्होंने एक बीजेपी महिला उम्मीदवार के संबंध में आइटम जैसे किसी शब्द का इस्तेमाल कर चुनाव प्रचार के नियम का उल्लंघन है. आयोग ने उन्हें सलाह देते हुए कहा था कि किसी जनसभा को संबोधित करने के दौरान ऐसे शब्दों का इस्तेमाल न करें, खासकर जब आचार संहिता लागू हो.