नई दिल्ली, 3 मार्च: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें ‘‘विकसित भारत : 2047’’ के लिए दृष्टि पत्र और अगले पांच वर्षों के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना पर मंथन किया गया.
सरकार के सूत्रों ने बताया कि बैठक में, मई में नयी सरकार के गठन के बाद तुरंत उठाए जाने वाले कदमों के लिए 100 दिवसीय एजेंडे और उसके शीघ्र क्रियान्वयन के बारे में चर्चा की गई.
उन्होंने कहा कि मोदी ने अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों से चुनाव के दौरान लोगों का समर्थन हासिल करने के लिए हरसंभव प्रयास करने को कहा. साथ ही उन्होंने विकास को बढ़ावा देने और समाज के सभी वर्गों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों के बारे में बात की. MP: 'मेरे शब्द शायद मोदी जी को पसंद नहीं आए', भोपाल से टिकट कटने पर BJP सांसद प्रज्ञा ठाकुर का छलका दर्द
एक सूत्र ने प्रधानमंत्री के हवाले से कहा, “(चुनाव) जीतने के बाद हम फिर मिलेंगे." सूत्रों ने कहा कि ‘‘विकसित भारत’’ के लिए ‘रोडमैप’ दो साल से अधिक की गहन तैयारी का परिणाम है. सूत्रों ने कहा कि इसमें सभी मंत्रालयों और राज्य सरकारों, शिक्षाविदों, उद्योग संगठनों, नागरिक समाज संस्थाओं, वैज्ञानिक संगठनों के साथ व्यापक परामर्श तथा युवाओं के सुझावों को समाहित करते हुए ‘‘सरकार का समग्र’’ दृष्टिकोण शामिल है.
इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘‘विभिन्न स्तरों पर 2,700 से अधिक बैठकें, कार्यशालाएं और सेमिनार आयोजित किए गए. 20 लाख से अधिक युवाओं से सुझाव प्राप्त हुए.’’ सूत्रों ने कहा कि ‘‘विकसित भारत’’ के लिए रोडमैप में स्पष्ट रूप से व्यक्त की गई राष्ट्रीय दृष्टि, आकांक्षाएं, लक्ष्य और कार्यों के साथ एक व्यापक खाका है.
उन्होंने कहा कि इसके लक्ष्यों में आर्थिक विकास, सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी), जीवन को आसान बनाना, व्यापार करने में आसानी, बुनियादी ढांचा और सामाजिक कल्याण जैसे क्षेत्र शामिल हैं. बैठक में कई मंत्रालयों ने अपने विचार व्यक्त किए. यह बैठक लोकसभा चुनाव की तारीखों की निर्वाचन आयोग द्वारा घोषणा किए जाने से पहले इस तरह की संभवत: आखिरी बैठक है.
बैठक के दौरान विभिन्न मुद्दों पर प्रस्तुतीकरण भी दिया गया. इससे पहले प्रधानमंत्री ने अपने कैबिनेट सहयोगियों से ऐसी योजना तैयार करने और उसे तीन मार्च को मंत्रिपरिषद की बैठक में पेश करने को कहा था, जिसका क्रियान्वयन व आकलन किया जा सके तथा वह स्पष्ट रूप से परिभाषित हो.
मोदी कई बार विश्वास जता चुके हैं कि उनके नेतृत्व में लगातार तीसरी बार सरकार बनेगी.
उन्होंने लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए 370 सीट और भाजपा के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के लिए 400 से अधिक सीट जीतने का लक्ष्य रखा है.
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