जम्मू-कश्मीर: भारी सुरक्षा के बीच श्रीनगर पहुंचे मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी, बीमार पार्टी विधायक यूसुफ तारिगामी से करेंगे मुलाकात
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी नेता सीताराम येचुरी गुरुवार को बीमार पार्टी विधायक यूसुफ तारिगामी से मिलने के लिए कश्मीर घाटी पहुंचे. सुप्रीम कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद माकपा के महासचिव सेना की मौजूदगी में गुरुवार की सुबह अपनी पार्टी के नेता तारिगामी का हालचाल जानने के लिए श्रीनगर पहुंचे.
श्रीनगर : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party of India) नेता सीताराम येचुरी (Sitaram Yechury) गुरुवार को बीमार पार्टी विधायक यूसुफ तारिगामी से मिलने के लिए कश्मीर घाटी पहुंचे. अनुच्छेद-370 के रद्द होने के बाद किसी भी विपक्षी नेता की कश्मीर में यह पहली यात्रा है. सुप्रीम कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद माकपा के महासचिव सेना की मौजूदगी में गुरुवार की सुबह अपनी पार्टी के नेता तारिगामी का हालचाल जानने के लिए श्रीनगर पहुंचे.
तारिगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अकेले कम्युनिस्ट विधायक हैं. सुरक्षा एजेंसियों की ओर से शीर्ष अदालत के आदेश के अनुसार येचुरी को अपनी पार्टी के सहयोगी से मिलने के अलावा किसी भी राजनीतिक बैठक या मीडिया इंटरैक्शन की अनुमति देने की संभावना नहीं है.
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येचुरी ने अदालत से शिकायत की थी कि उन्हें अधिकारियों द्वारा घाटी में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जा रही है. इसलिए वह अपनी पार्टी के बीमार विधायक तारिगामी से नहीं मिल पा रहे हैं. येचुरी ने अदालत को यह भी बताया कि तारिगामी का स्वास्थ्य अच्छा नहीं है और उन्हें दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में स्थानांतरित करने की आवश्यकता हो सकती है.
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने श्रीनगर में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से येचुरी को कश्मीर का दौरा करने की अनुमति देने को कहा था. इससे पहले भी येचुरी और अन्य विपक्षी नेताओं ने श्रीनगर में घुसने का प्रयास किया था, मगर उन्हें रोक दिया गया था और श्रीनगर हवाई अड्डे से ही वापस भेज दिया गया था.
आदेश के तुरंत बाद बुधवार को येचुरी ने ट्वीट किया, "मैं अपने कॉमरेड से मिलने श्रीनगर जा रहा हूँ." पांच अगस्त को कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से किसी भी नेता ने नवगठित संघ क्षेत्र का दौरा नहीं किया है. पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी के नेतृत्व में एक विपक्षी प्रतिनिधिमंडल ने घाटी में प्रवेश करने का प्रयास किया था, लेकिन उन्हें रोक दिया गया.