झारखंड (Jharkhand) में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर पुलिस ने तैयारी शुरू कर दी है. पुलिस नक्सलियों के खिलाफ 'महाअभियान' चला रही है, जिसमें ना केवल बड़े नक्सली पुलिस के निशाने पर हैं, बल्कि उनकी आर्थिक कमर तोड़ने की भी योजना बनाई गई है. झारखंड पुलिस मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि नक्सलियों के मददगार और 'टेरर फंडिंग' में सहयोग करने वाले झारखंड पुलिस के रडार पर हैं.
कहा जा रहा है आने वाले दिनों में ऐसे कई मददगारों के नाम का न सिर्फ खुलासा हो सकता है, बल्कि उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई भी होगी. उनका कहना है कि राज्य पुलिस ने नक्सलियों के शीर्ष नेताओं की पहचान कर उनके खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है.
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सूत्रों के अनुसार, पतिराम मांझी उर्फ अनल, आकाश उर्फ तिमिर, प्रशांत बोस, महाराज प्रमाणिक, अमित मुंडा जैसे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party of India) के बड़े नेता पुलिस के निशाने पर हैं. सूत्रों का कहना है कि नक्सलियों के पनाहगार वाले कई खास इलाकों की पहचान कर उन पर लगातार निगाह रखी जा रही है. झारखंड पुलिस द्वारा छोटी टीमें बनाई गई हैं.
झारखंड के पुलिस महानिदेशक क़े एऩ चौबे ने कहा, "नक्सलियों को मदद पहुंचाने वाले लोगों को मुख्य रूप से चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है. झारखंड में नक्सलियों के समर्थक और 'फंडिंग' पर पुलिस नजर रखेगी." उन्होंने बताया कि लेवी (जबरन पैसा बसूली) से धन संपत्ति अर्जित करने के सारे मामले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भेजे जाएंगे. उन्होंने माना कि लेवी के पैसों से शीर्ष नक्सलियों ने अकूत कमाई की है. राज्य पुलिस सारी संपत्तियों को ईडी को जब्ती की कार्रवाई के लिए भेजेगी.