नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि दुनियाभर में लोगों ने 21 जून को जिस उत्साह से विश्व योग दिवस मनाया, वह प्रशंसनीय है. उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में अधिक लोग अपने दैनिक जीवन में योग को शामिल करेंगे. मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में कहा कि गुरुवार को चौथे योग दिवस के दिन कुछ दुर्लभ दृश्य देखने को मिले. इस दौरान ब्रसेल्स में यूरोपीय संसद में, न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में और जापानी नौसेना के युद्धपोतों पर योगासन किए गए. उन्होंने सऊदी अरब में हुए पहले ऐतिहासिक योग कार्यक्रम का भी उल्लेख किया और कहा, "मुझे बताया गया कि कई योग मुद्राएं महिलाओं द्वारा प्रदर्शित की गईं.
उन्होंने लद्दाख में बर्फ से ढंकी पहाड़ियों पर भारत-चीन सीमा के दोनों तरफ दोनों देशों के सैनिकों द्वारा योग करने का भी उल्लेख किया.
मोदी ने कहा, योग सभी सीमाओं को तोड़ता है। सैंकड़ों देशों के उत्साही नागरिकों ने जाति, रंग, धर्म और लिंग की सीमाओं को तोड़ते हुए इस अवसर को बड़े पर्व के रूप में बदल दिया.
उन्होंने कहा, जब दुनियाभर के लोगों ने योग दिवस के कार्यक्रम में पूरे जोश से भाग लिया, तो भारत को इतना उत्साही क्यों नहीं होना चाहिए.
भारतीय सेना द्वारा योग दिवस मनाने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, हमारे बहादुर सैनिकों के एक समूह ने समुद्र के अंदर योग किया, कुछ सैनिकों ने सियाचिन में बर्फ से ढंकी पहाड़ियों पर योग किया, तो कुछ सैनिकों ने जमीन से 15,000 फुट ऊपर हवा में योग किया.
उन्होंने कहा, स्कूल, कॉलेज, कार्यालय, पार्क, गगनचुंबी इमारतों, खेल के मैदानों पर योग कार्यक्रम आयोजित किए गए. अहमदाबाद में एक भावुक घटना देखी गई, जब 750 दिव्यांग भाइयों एवं बहनों ने एक साथ योग कर विश्व रिकॉर्ड बनाया. मोदी ने कहा, "योग वसुधैव कुटुंबकम की भावना लेकर आया है.
मोदी ने कहा, "मेरा मानना है कि कल्याण की भावना आज क्रांति ला रही है. उम्मीद है कि कल्याण का अभियान योग के माध्यम से गति पकड़ेगा. इससे ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ेंगे और इसे अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएंगे.