मणिपुर हाई कोर्ट ( Manipur High Court) ने कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होने वाले सात बागी विधायकों की अयोग्यता मामले की सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया है. कोर्ट की तरफ से कांग्रेस के विधायकों को लेकर आदेश पारित हुआ है कि स्पीकर ट्रिब्यूनल द्वारा जब तक उनके योग्यता पर फैसला नहीं सुनाया जाता है. तब तक वे विधनासभा में नहीं जा सकते है. कोर्ट का यह फैसला एक तरफ से बीजेपी के लिए बाद झटका है. क्योंकि 19 जून को राज्यसभा का चुनाव होने वाला है. ऐसे में चुनाव से पहले फैसला नहीं आ जाता है तो कांग्रेस के ये विधायक राज्यसभा के लिए वोटिंग नहीं कर पाएंगे.
दरअसल कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होने वाले कांग्रेस के बागी विधायकों पर कार्रवाई हो इसको लेकर कांग्रेस की तरफ से मणिपुर हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई. जिस याचिका की पैरवी कांग्रेस की तरफ से कांग्रेस नेता वरिष्ठ वकील वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल कर रहे थे. कोर्ट से उनकी मांग थी कोर्ट स्पीकर को आदेश दें कि स्पीकर इन सभी बाकी विधायकों के खिलाफअयोग्यता को लेकर कार्रवाई करें. यह भी पढ़े: राज्यसभा चुनाव 2020: क्या हरियाणा में कांग्रेस को झटका देगी बीजेपी? रणनीति पर चल रहा है काम
Manipur High Court passes order restraining 7 congress MLAs who joined BJP, from entering State Legislative Assembly till the Speaker Tribunal hears their disqualification case. pic.twitter.com/X1pIuioLM2
— ANI (@ANI) June 8, 2020
बात दें कि मणिपुर में राज्यसभा की एक सीट है. जिस सीट पर 19 जून को चुनाव होना है. ऐसे में कांग्रेस की मांग थी कि इन विधयाकों पर कार्रवाई ताकि ये राज्यसभा के लिए वोट ना कर पाए. दरअसल इन बागी सातों विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने को लेकर पहले कांग्रेस की तरफ से मणिपुर विधानसभा के अध्यक्ष वाई खेमचंद शिकायत की गई. उन्होंने इस इन विधायकों को योग्य ठहराए जाने को लेकर जब अपना फैसला सुरक्षित रख लिया तो कांग्रेस ने बाकी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.