पश्चिम बंगाल (West Bengal) में 'जय श्रीराम' नारे को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. आए दिन जय श्रीराम के नारे पर बीजेपी और सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के बीच जंग हो रही है. इसी बढ़ते विवाद के बीच रविवार को ममता बनर्जी ने अपनी सफाई दी है. ममता बनर्जी ने कहा मुझे किसी भी पार्टी के किसी तय नारे से परेशानी नहीं है. हर राजनीतिक पार्टी अपनी रैली में एक नारा रखती है, हर राजनितिक पार्टी के अपने नारे होते हैं. लेकिन बीजेपी अपने स्वार्थ के लिए राजनीति में धर्म का इस्तेमाल कर रही है.
ममता ने कहा कि वो जय सिया राम, जय राम जी की, जैसे धार्मिक नारों के पीछे भावनाओं को समझती हैं, लेकिन बीजेपी जय श्री राम के नारे का इस्तेमाल पार्टी स्लोगन के तौर पर कर रही हैं और ऐसे राजनीतिक नारों को थोपने की किसी कोशिश को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. ममता बनर्जी ने कहा कि वो लोगों को बताना चाहती हैं कि बीजेपी के समर्थक फेक वीडियो, फेक न्यूज के जरिए गलत सूचनाएं फैला रहे हैं. इससे भ्रम फैल रहा है और सच्चाई छुपाई जा रही है.
ममता बनर्जी ने कहा कि राजा राम मोहन राय से लकेर विद्यासागर तक बंगाल महान समाज सुधारकों का स्थल रहा है, लेकिन बीजेपी अपनी रणनीति के जरिए बंगाल में नकारात्मकता फैला रही है. ममता बनर्जी ने कहा कि वह इन राजनीतिक नारों को जबरन थोपे जाने का सम्मान नहीं करती हैं, ये काम कथित तौर पर आरएसएस के नाम पर किया जा रहा है, जिसे बंगाल ने कभी स्वीकार नहीं किया है.
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ममता ने कहा कि वक्त आ गया है कि ऐसी हिंसा, अव्यवस्था फैलाने वाले लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि जो लोग दूषित विचारधारा फैलाने के लिए धर्म का इस्तेमाल करते हैं उन्हें जवाब दिया जाना जरूरी है. ममता ने कहा कि बीजेपी की यह नीति विभाजनकारी है. अगर अन्य पार्टियां इन विभाजनकारी कामों में लग जाएं तो माहौल बेहद नकारात्मक हो जाएगा.
ममता ने कहा कि हम सभी लोगों को मिलकर बीजेपी के ऐसे कदमों का विरोध करना चाहिए ताकि संविधान के मुताबिक देश का सेकुलर चरित्र बरकरार रह सके. उन्होंने कहा बीजेपी नफरत की विचारधारा को तोड़फोड़ और हिंसा के जरिए फैलाने की कोशिश कर रही है, इसे हमें एक साथ मिलकर रोकना चाहिए.