‘हिंदुत्व’ पर BJP-शिवसेना में मचा घमासान, राम कदम ने कहा- उद्धव ठाकरे नसीहत देने से पहले बाल ठाकरे के विचारों पर करें मंथन
CM उद्धव ठाकरे और बीजेपी नेता राम कदम (File Photo)

मुंबई: दो दशक से अधिक समय तक सहयोगी रही बीजेपी (BJP) और शिवसेना के बीच ‘हिंदुत्व’ पर रार छिड़ी है. एक दिन पहले महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री और शिवसेना (Shiv Sena) प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने बीजेपी पर राजनीतिक सुविधा के अनुसार हिंदुत्व का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था. साथ ही कहा कि शिवसेना का बीजेपी के साथ गठबंधन समय की बर्बादी थी. इसके बाद बीजेपी के नेता शिवसेना पर हमलावर हो गए. हमने BJP छोड़ी, लेकिन हिंदुत्व नहीं छोड़ेंगे- शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने पुराने सहयोगी को लेकर कही यह बड़ी बात

महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के बयान पर बीजेपी नेता राम कदम ने कहा “उद्धव ठाकरे हिंदुत्व की नसीहत देने से पहले वह बाला साहब ठाकरे के विचारों पर मंथन करें. बाला साहब ठाकरे ने कहा था कि वह कभी भी कांग्रेस के साथ समझौता नहीं करेंगे. अगर कभी ऐसा हुआ तो वह शिवसेना (ऑफिस) को ताला लगाना पसंद करेंगे.”

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बयान 'बीजेपी के साथ गठबंधन में 25 साल बर्बाद हुए' पर पार्टी सांसद संजय राउत ने कहा “ये सही है, ये सिर्फ शिवसेना के साथ नहीं हुआ बल्कि जो भी बीजेपी के साथ चला गया था उन सभी का यही हाल हुआ था, सभी को उनकी कीमत चुकानी पड़ी.” उन्होंने कहा “बाबरी के बाद हिंदुस्तान में हमारी एक लहर थी अगर हम उस समय उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर में चुनाव लड़ते तो देश में हमारा (शिवसेना पार्टी का) पीएम होता. लेकिन हमने बीजेपी के लिए सब कुछ छोड़ दिया.”

उधर, इस घमासान में कूदते हुए रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा “बीजेपी ने हिंदुत्व के साथ 'सबका साथ,सबका विकास,सबका विश्वास' की भूमिका भी निभाई है. बीजेपी ने हिंदुत्व नहीं छोड़ा है बल्कि मुझे लगता है कि शिवसेना ने हिंदुत्व छोड़ा है. उन्हें दोबारा बीजेपी के साथ आने के बारे में सोचना चाहिए.”

रविवार को शिवसेना के संस्थापक और अपने पिता बाल ठाकरे की 96 वीं जयंती पर शिवसैनिकों को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा था ‘‘ शिवसेना ने बीजेपी के साथ गठजोड़ किया था क्योंकि वह हिंदुत्व के लिए सत्ता चाहती थी.  शिवसेना ने सत्ता की खातिर कभी हिंदुत्व का इस्तेमाल नहीं किया.”

उन्होंने कहा , ‘‘ शिवसेना ने हिंदुत्व को नहीं बल्कि बीजेपी को छोड़ दिया। मैं मानता हूं कि बीजेपी का अवसरवादी हिंदुत्व बस सत्ता के लिए है.’’ उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना ने बीजेपी के साथ गठबंधन में जो 25 साल निकाले वह ‘बर्बाद’ चले गये. शिवसेना 2019 के महाराष्ट्र चुनाव के बाद भाजपा से अलग हो चुकी है और उसने राकांपा एवं कांग्रेस के साथ मिलकर महा विकास अघाड़ी सरकार बना ली थी.