नासिक:- साईं बाबा का जन्मस्थान पर सीएम उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) का बयान अब विवाद बन बन बन गया. दरअसल उद्धव ठाकरे ने परभणी जिले के पाथरी में साईं बाबा जन्मस्थान पर सुविधाओं का विकास करने के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि आवंटित करने की घोषणा किया था. जिसके बाद शिरडी में दुकानें, भोजनालय और विभिन्न व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और वाहन भी सड़कों से नदारद रहे. इस दौरान दर्शन के लिए दूर राज्यों से आए लोगों समेत सभी भक्तों के लिए आज बंद के बीच साईं मंदिर जाने वाले भक्तों के लिए भोजन और आवास की पर्याप्त व्यवस्था किया गया है.
इस दौरान श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट (Shri Saibaba Sansthan Trust) के सीईओ डी. एम. मुगलिकर (DM Muglikar) ने बताया की लोगों को परेशानी न हो इसलिए हर संभव कोशिश की जा रही है. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कल एक बैठक बुलाई है.
DM Muglikar, CEO, Shri Saibaba Sansthan Trust, #Shirdi:
There is adequate arrangement of food and accommodation for devotees visiting Sai temple amid the bandh today. A meeting has been called tomorrow by Chief Minister Uddhav Thackeray. pic.twitter.com/IPkm7p20xz
— ANI (@ANI) January 19, 2020
बता दें कि रविवार के कारण शिरडी में बड़ी संख्या में भक्तों का जमवाड़ा है. वहीं श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट ने मंदिर को भक्तों के लिए खुला रखा है. इस बीच, विरोध दर्ज कराने के लिए मंदिर के आस पास कई स्थानीय लोगों ने रविवार सुबह रैली निकाली. वहीं शिरडी से शिवसेना के लोकसभा सदस्य सदाशिव लोखंडे ने रविवार को आहूत बंद को अपना समर्थन दिया है. महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री एवं स्थानीय बीजेपी विधायक राधाकृष्ण विखे पाटिल ने शनिवार को कहा था कि वह बंद के आह्वान का समर्थन कर रहे हैं.
Maharashtra: Devotees visit Shirdi Sai Baba temple amid bandh called today in #Shirdi town, against CM Uddhav Thackeray's reported comment calling Pathri (in Parbhani) as Sai Baba's birthplace. pic.twitter.com/z5nPzxMiFZ
— ANI (@ANI) January 19, 2020
विपक्ष ने बनाया मुद्दा
गौरतलब हो कि महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री एवं स्थानीय बीजेपी विधायक राधाकृष्ण विखे पाटिल ने शनिवार को कहा था कि वह बंद के आह्वान का समर्थन कर रहे हैं. शिरडी के स्थानीय लोगों एवं नेताओं ने पाथरी को साईं बाबा का जन्म स्थान बताने पर आपत्ति जताई और दावा किया कि उनका जन्मस्थान और उनका धर्म अज्ञात है. वे ठाकरे से अपना आधिकारिक बयान वापस लेने की मांग कर रहे हैं. इस बीच, मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक इस मुद्दे को सुलझाने के लिए ठाकरे सभी संबंधित पक्षों के साथ राज्य सचिवालय में सोमवार को बैठक करेंगे.