Maharashtra: शह और मात के खेल में मजबूत हो रही शिंदे सेना, बीजेपी पर भड़के संजय राउत

महाराष्ट्र की सियासत में शह और मात का खेल जारी है. शिंदे सेना के सामने शिवसेना कमजोर पड़ती दिख रही है. इस बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने शिंदे गुट पर हमला बोला. शिवसेना सांसद ने कहा, 'एकनाथ शिंदे गुट जो हमें चुनौती दे रहा है, उसे यह महसूस करना चाहिए कि शिवसेना के कार्यकर्ता अभी सड़कों पर नहीं उतरे हैं.

संजय राउत (Photo: ANI)

मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) की सियासत में शह और मात का खेल जारी है. शिंदे सेना के सामने शिवसेना कमजोर पड़ती दिख रही है. इस बीच शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने शिंदे गुट पर हमला बोला. शिवसेना सांसद ने कहा, 'एकनाथ शिंदे गुट जो हमें चुनौती दे रहा है, उसे यह महसूस करना चाहिए कि शिवसेना के कार्यकर्ता अभी सड़कों पर नहीं उतरे हैं. इस तरह की लड़ाई या तो कानून के जरिए लड़ी जाती है या सड़कों पर. जरूरत पड़ी तो हमारे कार्यकर्ता सड़कों पर उतरेंगे. Maharashtra Political Crisis: उद्धव ठाकरे को झटका! शिंदे गुट को मिल सकते हैं 50 से ज्यादा बागी विधायक. 

संजय राउत ने कहा, एकनाथ शिंदे गुट के 12 विधायकों को अयोग्य ठहराने की प्रक्रिया चल रही है, उनकी संख्या केवल कागजों पर है. शिवसेना एक बड़ा सागर है, ऐसी लहरें आती-जाती रहती हैं. हम (बागी) विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए कार्रवाई कर रहे हैं. शिवसेना के 12 बागी विधायकों को  डिप्टी स्पीकर नोटिस जारी कर सकते हैं.

संजय राउत ने कहा, संख्या बल कागज में ज़्यादा हो सकती है लेकिन अब यह लड़ाई कानूनी लड़ाई होगी. हमारे जिन 12 लोगों ने बगावत शुरू की है उनके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की है जिसके लिए हमारे लोगों ने सभापति से मुलाकात की है. शरद पवार साहब को धमकियां देने का काम चल रहा है. अमित शाह और मोदी जी आप के मंत्री पवार साहब को धमकी दे रहे हैं. क्या ऐसी धमकियों को आपका समर्थन है?

इससे पहले संजय राउत ने आक्रामक अंदाज में कहा था, 'जो विधायक चले गए हैं ... उनके लिए महाराष्ट्र में लौटना और घूमना मुश्किल होगा.' संजय राउत ने बागी विधायकों को मनाने के लिए यहां तक कहा था कि, 'वे लोग मुंबई वापस आकर बात करें, सीएम से चर्चा करें. अगर सभी विधायक चाहते हैं कि हम MVA गठबंधन से बाहर आ जाएं तो इसपर भी बातचीत होगी.'

इस बीच शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार टूटने की कगार पर है. एकनाथ शिंदे के पास पर्याप्त संख्याबल है और इसके लिए उनके खिलाफ दलबदल विरोधी कानून के तहत किसी तरह की कार्रवाई भी नहीं होगी.

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