मुंबई: शिवसेना (Shiv Sena) विधायक और पूर्व मंत्री तानाजी सावंत (Tanaji Sawant) ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस (Congress) पर हमला बोला है. महाराष्ट्र के सोलापुर (Solapur) में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए तानाजी ने कहा कि शिवसेना के सभी वरिष्ठ नेताओं के बीच एक आम राय है कि पार्टी को महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन में दोयम बर्ताव का सामना करना पड़ रहा है, जो कि हाल ही में पेश हुए राज्य सरकार के बजट में भी नजर आ रहा है. शिवसेना नेता अनंत गीते के बयान से MVA में भूचाल, कहा- शरद पवार शिवसैनिकों के 'गुरु' नहीं हो सकते, उन्होंने कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपा था
उस्मानाबाद (Osmanabad) जिले के शिवसेना विधायक तानाजी सावंत ने कहा कि यह शिवसेना की वजह से ही एनसीपी और कांग्रेस महाराष्ट्र की सत्ता में काबिज हुई है. और अब वे ही हमारे साथ अन्याय कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि एनसीपी के नेतृत्व वाले विभागों को कुल बजट का 57 से 60 फीसदी हिस्सा दिया गया. जबकि शिवसेना की हिस्सेदारी सिर्फ 16 प्रतिशत की है.
There is a common view among us (all senior leaders of Shiv Sena) that the party is getting secondary treatment (in MVA) & same was reflected in the state Budget: Tanaji Sawant, Shiv Sena MLA from Osmanabad dist in an address to party workers in Solapur yesterday.#Maharashtra pic.twitter.com/X89i3SV1y7
— ANI (@ANI) March 29, 2022
इससे पहले बीजेपी भी कुछ इसी तरह से एमवीए सरकार पर निशाना साध चुकी है. बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने एक बयान में कहा कि एमवीए सरकार एनसीपी चला रही है. जिस पर पलटवार करते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस मिलकर महाराष्ट्र में एमवीए सरकार चला रही हैं.
पवार ने सोमवार संवाददाताओं से कहा, ‘‘महा विकास अघाड़ी में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में हम सभी मिलकर सरकार चला रहे हैं. इसमें ठाकरे की भूमिका अहम है. एनसीपी और कांग्रेस उन्हें सहयोग दे रहे हैं.’’ उन्होंने बीजेपी सांसद सुजय विखे पाटिल के इस कथित बयान को अधिक तवजजो नहीं देने को कहा कि एमवीए गठबंधन ऐसे विवाह की तरह है, जिसमें एनसीपी पति है, शिवसेना चुप रहने वाली पत्नी है और कांग्रेस बिन बुलाई मेहमान है.
एनसीपी नेता अजित पवार ने कहा कि जिनके पास करने के लिए कोई बेहतर काम नहीं होता, वे इस प्रकार के बयान दे रहे हैं. उन्होंने मीडिया से इसके बजाय राज्य सरकार के फैसलों को महत्व देने की अपील की.