
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है. महायुति गठबंधन जो बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार गुट) का संयुक्त गठबंधन है. अब आंतरिक मतभेदों का सामना कर रहा है. तीन महीने पहले भारी बहुमत से सत्ता में आई यह सरकार अब आपसी तनाव से जूझ रही है. ताजा विवाद शिवसेना के कई विधायकों की 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा वापस लिए जाने को लेकर है.
सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षा में कटौती सिर्फ शिवसेना तक सीमित नहीं है, बल्कि बीजेपी और एनसीपी के कुछ नेताओं की सुरक्षा भी घटाई गई है. हालांकि, सबसे अधिक प्रभावित शिवसेना के नेता हुए हैं, जिनमें करीब 20 विधायक शामिल हैं. यही कारण है कि एकनाथ शिंदे खेमे में असंतोष गहरा गया है.
2022 में जब एकनाथ शिंदे ने बगावत कर बीजेपी के साथ हाथ मिलाया था, तब उनकी सरकार ने उनके समर्थन करने वाले 44 विधायकों और 11 लोकसभा सांसदों को 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा दी थी. लेकिन अब सुरक्षा आकलन के आधार पर यह सुरक्षा वापस ले ली गई है. खास बात यह है कि मंत्री पद न पाने वाले कई नेताओं की सुरक्षा घटाई गई है, जिससे नाराजगी और बढ़ गई है.
एकनाथ शिंदे की बढ़ती नाराजगी
रिपोर्ट्स की मानें तो शिंदे पहले ही कई मुद्दों को लेकर नाराज चल रहे हैं. उन्हें मुख्यमंत्री पद नहीं दिया गया और अब वे रायगढ़ और नासिक के संरक्षक मंत्री पद के बंटवारे को लेकर भी असंतोष जता चुके हैं. हाल ही में, उनकी नाराजगी को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में ‘उपमुख्यमंत्री’ के लिए विशेष बदलाव किए, जिससे वे इस समिति में शामिल हो सकें.
हाल ही में नासिक में 2027 में होने वाले कुंभ मेले को लेकर एक समीक्षा बैठक बुलाई गई थी, जिसे उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लीड किया. शिंदे इस बैठक में नहीं गए और कुछ दिनों बाद अपनी अलग बैठक कर डाली. इससे यह साफ संकेत मिलता है कि सरकार के अंदर खींचतान जारी है.
बीजेपी और एनसीपी के साथ भी तकरार?
महायुति के भीतर केवल शिवसेना और बीजेपी के बीच ही नहीं, बल्कि शिंदे और अजित पवार गुट के बीच भी तनाव बढ़ता दिख रहा है. सरकार ने एनसीपी की अदिति तटकरे और बीजेपी के गिरीश महाजन को संरक्षक मंत्री नियुक्त नहीं किया, जिससे एनसीपी और भाजपा दोनों में असंतोष देखा जा रहा है.
महायुति में सब ठीक का दावा
हालांकि, बीजेपी नेता और राज्य के आईटी मंत्री आशीष शेलार ने कहा कि गठबंधन में कोई मतभेद नहीं है और मुख्यमंत्री फडणवीस, उपमुख्यमंत्री शिंदे और अजित पवार मिलकर सरकार चला रहे हैं. लेकिन उन्होंने विधायकों की सुरक्षा हटाने के सवाल को टाल दिया.
इस बीच, विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) गुट की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने तंज कसते हुए कहा, "महायुति वेलेंटाइन मंथ सेलिब्रेट कर रही है, लेकिन प्यार कम और तनाव ज्यादा है!"