'Imported Maal' Controversy: सांसद अरविंद सावंत ने विवादित बयान के लिए शिंदे गुट की उम्मीवार शाइना एनसी से माफी मांगी; VIDEO

शिवसेना यूबीटी के सांसद अरविंद सावंत ने शिवसेना की नेता शाइना एनसी पर दिए अपने बयान के लिए माफी मांग ली है. उन्होंने एक बयान में कहा, मैंने अपने 55 साल के राजनीतिक करियर में कभी भी महिलाओं का अपमान नहीं किया

Arvind Sawant , Shaina NC (Photo Credits ANI)

'Imported Maal' Controversy: शिवसेना यूबीटी के सांसद अरविंद सावंत ने शिवसेना की नेता शाइना एनसी पर दिए अपने बयान के लिए माफी मांग ली है. उन्होंने एक बयान में कहा, मैंने अपने 55 साल के राजनीतिक करियर में कभी भी महिलाओं का अपमान नहीं किया.  मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. अगर मेरे बयान से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं और पूरा सम्मान करता हूं.

उन्होंने विभिन्न दलों के नेताओं के विवादित बयानों का जिक्र करते हुए कहा, किशोरी पेडनेकर के बारे में आशीष शेलार ने क्या कहा? राम कदम का बयान हो या फिर अब्दुल सत्तार का सुप्रिया सुले पर दिया बयान सब आपत्तिजनक था। क्या इन सभी घटनाओं में एफआईआर दर्ज की गई? यह भी पढ़े: Imported Maal Remark: शाइना एनसी को इंपोर्टेड माल कहने पर महाराष्ट्र की सियासत गरमाई, मुंबई में MP अरविंद सावंत के खिलाफ केस दर्ज; VIDEO

अरविंद सावंत ने शाइना एनसी से मांगी माफ़ी:

सावंत ने आगे कहा, मैं मांग करता हूं कि ऐसी सभी घटनाओं में एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए. मैं एक बार फिर कहना चाहता हूं कि अगर मेरे बयान से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं.

बता दें कि शाइना एनसी अरविंद सावंत द्वारा दिए बयान पर शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। पोस्ट में उन्होंने लिखा, अरविंद सावंत ने 29 अक्टूबर 2024 को एक मीडिया चैनल पर मेरे लिए 'माल' शब्द का प्रयोग किया.

हमारी संस्कृति में महिलाओं को शक्ति के रूप में देखा जाता है। मां मुंबादेवी, हम सबकी प्रेरणास्त्रोत हैं। इस तरह का बयान अस्वीकार्य है और यह अपमान न केवल मेरा है, बल्कि महाराष्ट्र की समस्त महिलाओं का भी है। मुझे यह समझने में कोई कठिनाई नहीं होती कि अरविंद सावंत का यह बयान मेरे प्रतिद्वंद्वी, अमीन पटेल के नामांकन के दौरान दिया गया.

अमीन पटेल वही व्यक्ति हैं, जो तीन तलाक जैसी कुरीतियों का पुरजोर समर्थन करते हैं. मैं ऐसे व्यक्तियों से महिलाओं के सम्मान की अपेक्षा ही नहीं कर सकती। हमारे देश और राज्य सरकारों ने महिलाओं के सम्मान में कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की हैं, जैसे "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" इन योजनाओं के माध्यम से महायुति की सरकार समाज में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित कर रही है.

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