Maharashtra Kisan March: सीएम शिंदे ने प्याज पर सब्सिडी और वन भूमि के दावे पर समिति बनाने का किया ऐलान
महाराष्ट्र सरकार ने अपनी मांगों को लेकर राज्य के नासिक से मुंबई मार्च कर रहे किसानों की अधिकतर मांगों को स्वीकार कर लिया जिनमें प्याज उत्पादकों को प्रति कुंतल प्याज पर 350 रुपये की वित्तीय राहत देना शामिल है.
मुंबई, 17 मार्च: महाराष्ट्र सरकार ने अपनी मांगों को लेकर राज्य के नासिक से मुंबई मार्च कर रहे किसानों की अधिकतर मांगों को स्वीकार कर लिया जिनमें प्याज उत्पादकों को प्रति कुंतल प्याज पर 350 रुपये की वित्तीय राहत देना शामिल है.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को विधानसभा में यह जानकारी दी और किसानों से करीब एक सप्ताह से जारी विरोध प्रदर्शन को रोकने की अपील की. इससे पहले दिन में प्रदर्शनकारी किसानों और आदिवासियों के प्रतिनिधियों ने बताया था कि उन्होंने करीब 200 किलोमीटर लंबे मार्च को फिलहाल रोक दिया है, लेकिन मुंबई में सरकार द्वारा उनकी मांगों पर ठोस कदम नहीं उठाए जाने पर वे दोबारा कूच करेंगे. Maharashtra: महाराष्ट्र में शिक्षकों का हड़ताल, बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन में होगी देरी
हजारों की संख्या में किसानों और आदिवासियों ने उत्तर महाराष्ट्र के नासिक जिले स्थित डिंडोरी कस्बे से गत रविवार को कूच किया था और मुंबई से करीब 80 किलोमीटर दूर वसिंद पहुंच गए थे. मुख्यमंत्री शिंदे ने विधानसभा में चर्चा के दौरान सदन को सूचित किया कि वन पर अधिकार, वन भूमि पर अतिक्रमण, मंदिर न्यासों और चारागाह की जमीन किसानों को हस्तांतरित करने सहित 14 सूत्रीय मांग पर उनकी बात किसानों के प्रतिनिधियों से हुई है.
किसानों से विरोध प्रदर्शन रोकने की अपील करते हुए शिंदे ने कहा कि लिए गए फैसलों को तत्काल लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बेमौसमी बारिश और कम कीमत की वजह से नुकसान का सामना कर रहे प्याज उत्पादकों को प्रति कुंतल 350 रुपये की दर से वित्तीय राहत दी जाएगी.
शिंदे ने कहा कि कैबिनेट की उप समिति गठित की जाएगी जो किसानों के कब्जे में मौजूद चार हेक्टयर तक वन भूमि के दावे संबंधी मांग की निगरानी करेगी. उन्होंने कहा कि समिति एक महीने में रिपोर्ट तैयार करेगी और वन अधिकार अधिनियम के तहत लंबित दावों की भी निगरानी करेगी.
शिंदे ने बताया कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के पूर्व विधायक जीवा पांडु गावित और मौजूदा विधायक विनोद निकोले समिति का हिस्सा होंगे.
इससे पहले मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों का प्रदर्शन गैर राजनीतिक है और उनकी मांगे वाजिब है.
विधायक विनोद निकोले ने कहा, ‘‘हमने मार्च फिलहाल रोक दिया है. हम सरकार से ठोस कदम उठाने की उम्मीद कर रहे हैं. हमारे मुद्दों का समाधान किया जाए, वरना हम मुंबई की ओर कूच करेंगे.’’
माकपा नेता एवं पूर्व विधायक जीवा गावित इस मार्च की अगुवाई कर रहे हैं. उन्होंने नासिक से अपनी पदयात्रा शुरू की थी. गावित ने कहा कि जब तक सरकार अधिकारियों को आदेश जारी नहीं करती, वे डटे रहेंगे.
किसानों की मांगों में प्याज उत्पादकों को तत्काल 600 रुपये प्रति कुंतल की वित्तीय राहत देना, लगातार 12 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना और कृषि ऋण माफ करना आदि शामिल हैं.
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