मुंबई: सचिन वझे मामले में मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का तबादला होने के बाद बीते दिनों उन्होंने एक चिट्ठी लिख कर महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) पर 100 करोड़ रुपये की वसूली का आरोप लगाया था. जिसके बाद वे विपक्ष के निशाने पर थे. विपक्ष की मांग थी कि देशमुख अपने पद से इस्तीफा दे. वहीं परमबीर सिंह द्वारा इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए उनकी याचिका पर सोमवार को बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि इन आरोपों की जांच सीबीआई करे. कोर्ट के इस आदेश के बाद गृह मंत्री अनिल देशमुख सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) से मुलाकात करने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की खबर को महाराष्ट्र सरकार में मंत्री व एनसीपी नेता नवाब मलिक (Nawab Malik) ने भी पुष्टि की है. उन्होंने कहा हाई कोर्ट के आदेश आने के बाद अनिल देशमुख ने पार्टी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) से मुलाकात की और अपनी इच्छा ज़ाहिर कि वे अपने पद पर नहीं रहना चाहते. जिसके बाद पार्टी ने निर्णय लिया है कि वे मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा दें. पार्टी के निर्माण के बाद देशमुख ने अपने पद से इस्तीफा दिया है. यह भी पढ़े: Maharashtra: गृह मंत्री अनिल देशमुख ने दिया इस्तीफा, सीएम उद्धव ठाकरे को सौंपा त्यागपत्र
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After the high court order, Home Minister Anil Deshmukh met Pawar Ji & party leaders & said he doesn't want to remain in the post. He went to tender his resignation to the CM. Party has requested to the CM to accept his resignation: State Minister & NCP leader Nawab Malik pic.twitter.com/oukzN05833
— ANI (@ANI) April 5, 2021
बता दें कि एंटिलिया मामले के बाद सचिन वझे के खिलाफ जांच शुरू होने के बाद मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का तबादला होने के बाद सिंह ने सीएम उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिख उस समय राजनीतिक गलियारे में हलचल पैदा कर दी. जब उन्होंने अपने पत्र में खुलासा किया कि अनिल देशमुख सचिन वझे से हर महीने मुंबई से 100 करोड़ रुपये की वसूली का टारगेट दिया था.
हालांकि अनिल देशमुख को इस्तीफा ना देना पड़े एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ ही पार्टी के नेताओं ने देशमुख का बचाव किया था. लेकिन मामला पहले कोर्ट में जाने के बाद अनिल देशमुख को इस्तीफा देना पड़ा. क्योंकि कोर्ट ने अब इस केस को सीबीआई से कराने के आदेश दिए हैं.