महाराष्ट्र/हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 नतीजे: दोनों राज्यों में नहीं चला अनुच्छेद 370 का जादू, लक्ष्य से दूर भारतीय जनता पार्टी
हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों में कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का मुद्दा भाजपा के लिए कोई गुल नहीं खिला सका. दोनों राज्यों के अब तक आए रुझानों में भाजपा ने पिछली बार से कमजोर प्रदर्शन किया है. पार्टी दोनों राज्यों में खुद के तय लक्ष्य से दूर दिख रही है. जबकि पिछली बार सिर्फ 15 सीटें जीतने वाली कांग्रेस इस बार दोगुनी सीटों पर बढ़त बनाए है.
हरियाणा (Haryana) और महाराष्ट्र (Maharashtra) के विधानसभा चुनावों में कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का मुद्दा भाजपा के लिए कोई गुल नहीं खिला सका. दोनों राज्यों के अब तक आए रुझानों में भाजपा ने पिछली बार से कमजोर प्रदर्शन किया है. पार्टी दोनों राज्यों में खुद के तय लक्ष्य से दूर दिख रही है. महाराष्ट्र में भाजपा भले ही गठबंधन के दम पर सरकार बनाने की स्थिति में है, मगर उसकी अपनी सीटें पिछली बार से घट गई हैं.
महाराष्ट्र में भाजपा ने गठबंधन के लिए 212 और खुद के लिए 144 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया था. हरियाणा में 75 पार का नारा देने वाली भाजपा बहुमत के लिए जरूरी 45 के आँकड़े से भी दूर खड़ी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा सहित सभी शीर्ष नेताओं ने दोनों राज्यों में रैलियां कर स्थानीय को छोड़ राष्ट्रीय मुद्दों को ही उठाया. कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को साहसिक कदम बताते हुए प्रचारित किया गया कि पिछले 70 वर्षों में जो काम किसी सरकार ने नहीं किया, उसे उन्होंने कर दिखाया.
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र की एक रैली में राफेल पर हमला बोला तो भाजपा ने उसके जरिए मोदी सरकार में वायुसेना को अत्याधुनिक हथियारों से लैस करने को मुद्दा बनाते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस की सरकारों ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया. हरियाणा में दो लाख से अधिक रिटायर्ड सैनिकों को लुभाने के लिए भाजपा ने वन रैंक वन पेंशन की भी बात की. शहीदों के परिवार और जवानों के बच्चों के लिए संचालित योजनाओं के जरिए भाजपा ने चुनावी अभियान के दौरान राष्ट्रवाद का कार्ड चला.
मगर दोनों राज्यों के दोपहर तक के रुझानों से पता चलता है कि भाजपा 2014 का प्रदर्शन नहीं दोहरा पाई है. पिछली बार से दोनों राज्यों में कम सीटें आईं हैं. हरियाणा में पिछली बार 47 सीटें पाकर बहुमत से सरकार बनाने वाली भाजपा इस बार 40 से 41 सीटों के लिए संघर्ष कर रही है. जबकि पिछली बार सिर्फ 15 सीटें जीतने वाली कांग्रेस इस बार दोगुनी सीटों पर बढ़त बनाए है.
जबकि इनेलो से टूटकर बनी दुष्यंत चौटाला की जेजेपी करीब 10 सीटों पर बढ़त बनाकर सत्ता का चाबी अपने पास रखने की स्थिति में है. खास बात है कि महाराष्ट्र में 2014 के चुनाव में 122 सीटें जीतने वाली भाजपा इस बार सौ सीटों तक ही पहुंचती दिख रही है.