फ्लोर टेस्ट के बाद बोले उद्धव ठाकरे- मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज और अपने माता-पिता के नाम पर शपथ ली, अगर यह गुनाह है तो मैं इसे फिर से करूंगा
बहुमत साबित होने के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस की बात का जवाब देते हुए कहा, हां मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर और अपने माता-पिता के नाम पर भी शपथ ली. अगर यह अपराध है तो मैं इसे फिर से करूंगा.
मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाली 'महाविकास अघाडी' सरकार ने शनिवार को फ्लोर टेस्ट (Floor Test) पास कर लिया है. सरकार को 169 विधायकों का समर्थन हासिल हुआ है. फ्लोर टेस्ट के दौरान उद्धव ठाकरे सरकार के समर्थन में कुल 169 विधायकों के वोट पड़े. बीजेपी ने इस दौरान सदन से वॉकआउट कर लिया था. बहुमत पास करने के लिए जरूरी आंकड़ा 145 का था. चार विधायक वोटिंग प्रक्रिया के दौरान तटस्थ रहे. उन्होंने सरकार के पक्ष या विपक्ष में वोट नहीं किया. इस चार विधायकों में से दो एआईएमआईएम, एक एमएनएस और एक सीपीएम के थे. वोटिंग प्रक्रिया से पहले सदन में जमकर हंगामा हुआ. बीजेपी नेताओं ने दादागिरी नहीं चलेगी के नारे लगाए.
बहुमत साबित होने के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस की बात का जवाब देते हुए कहा, हां मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर और अपने माता-पिता के नाम पर भी शपथ ली. अगर यह अपराध है तो मैं इसे फिर से करूंगा. फ्लोर टेस्ट पास करने के बाद सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा, 'मैं मैदान में लड़ने वाला व्यक्ति हूं. मुझे सदन में काम करने का अनुभव नहीं है.' उन्होंने कहा "वैचारिक मतभेद रखने का तरीका होता है. सदन में वैचारिक मतभेदों को गलत तरीके से रखा गया. यह महाराष्ट्र की परंपरा नहीं है. मुझे गर्व है कि मैंने अपने आदर्शों का नाम लेकर शपथ ली."
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मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर और अपने माता-पिता के नाम पर भी शपथ ली-
बता दें कि देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे की शपथ को गलत बताया था. फडणवीस ने कहा था, जिस तरह से शपथ ली गई उस पर भी मुझे आपत्ति है. जिस तरह से शपथ ली गई वह प्रिस्क्राइब्ड नहीं थी, शपथ संविधान के तहत नहीं ली गई. उसमें कई नाम लिए गए जो राज्यपाल द्वारा लिखी गई शपथ में नहीं थे.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा में कुल सीटें 288 हैं. बहुमत का आंकड़ा 145 है. शिवसेना के 56, एनसीपी के 54, कांग्रेस के 44 विधायको को मिलकर आंकड़ा 154 है. इन सभी विधायकों ने सरकार के पक्ष में वोट डाला. इनके अलावा छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों ने भी उद्धव सरकार के पक्ष में वोट डाला. उद्धव सरकार के पक्ष में 169 वोट पड़े. वहीं 4 विधायक तटस्थ रहे. बीजेपी ने इस वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया इसलिए विपक्ष में एक भी वोट नहीं पड़ा.