महाराष्ट्र-हरियाणा विधानसभा चुनाव: प्रचार के लिए नहीं दिख रहे हैं मैदान में कांग्रेस के बड़े चहरे
महाराष्ट्र और हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनावों में तीन सप्ताह से भी कम समय रह गया है. कांग्रेस भाजपा से सत्ता हासिल करने की इच्छा तो जता रही है, मगर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने अभी तक इन राज्यों में चुनाव प्रचार अभियान को आगे नहीं बढ़ाया है.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र और हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनावों में तीन सप्ताह से भी कम समय रह गया है. कांग्रेस भाजपा से सत्ता हासिल करने की इच्छा तो जता रही है, मगर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने अभी तक इन राज्यों में चुनाव प्रचार अभियान को आगे नहीं बढ़ाया है. कांग्रेस के स्टार प्रचारक माने जाने वाले सभी प्रमुख चेहरे अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने अभी तक महाराष्ट्र या हरियाणा में किसी भी रैली को संबोधित नहीं किया है। इन राज्यों में चुनाव प्रचार की कमान राज्य के नेता ही संभाल रहे हैं. इन दोनों ही राज्यों में पार्टी के आंतरिक झगड़े सामने आए हैं. हरियाणा में राज्य इकाई के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर के समर्थकों ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय के बाहर धरना दिया.
कांग्रेस के एक नेता ने कहा, "हमें सोनिया और राहुल गांधी जैसे स्टार प्रचारकों की जरूरत है। चुनाव प्रचार के लिए केवल 17 दिन बचे हैं, लेकिन इसके लिए कोई प्रयास नहीं हुआ है. इन दोनों राज्यों में 21 अक्टूबर को चुनाव होने हैं, जबकि चुनाव प्रचार 19 अक्टूबर को समाप्त हो जाएगा. हरियाणा में कुमारी शैलजा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गुरुग्राम से चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है. यह भी पढ़े: महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनावों से पहले अंदरूनी कलह में उलझी है कांग्रेस
कांग्रेस महाराष्ट्र में अपनी सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता शरद पवार पर ही अधिक भरोसा कर रही है. कांग्रेस ने इस राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के लिए स्थानीय नेताओं को जिम्मेदारियां सौंपी हैं। इनमें मुकुल वासनिक, राजीव सातव और रजनी पाटिल शामिल हैं. वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा प्रमुख अमित शाह दोनों राज्यों में पहले ही रैलियां कर चुके हैं