मध्यप्रदेश: कांग्रेस वरिष्ठ नेता कमल नाथ ने कोविड-19 केयर सेंटरों को बंद करने पर उठाए सवाल
कमलनाथ (Photo Credits: IANS)

भोपाल, 5 जनवरी: मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के सामान्य लक्षण पाए जाने वाले मरीजों के उपचार के लिए स्थापित किए गए भोपाल के अलावा सभी कोविड केयर सेंटरों को स्वास्थ्य संचालनालय ने बंद कर दिया है. अब इस पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) ने सवाल उठाए हैं. राज्य की राजधानी के अलावा अन्य स्थानों पर स्थापित कोविड केयर सेंटरों (Covid Care Centers) को बंद करने का सरकार ने फैसला लिया है. इस फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा, शिवराज जी, मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा ढ़ाई लाख के करीब पहुंच चुका है, अभी तक घोषित मौतों का आंकड़ा 3,641 पर पहुंच चुका है. प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले भी बढ़ रहे हैं और रोज मौतें भी हो रही हैं, ऐसे में कोविड केयर सेंटर को बंद करना बेहद ही अविवेकपूर्ण निर्णय है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा, जब तक कोरोना संक्रमण खत्म नहीं हो जाता है तब तक प्रदेश में कोविड केयर सेंटर चालू ही रहना चाहिये. यह सही है कि शिवराज जी आप और भाजपा अपनी सुविधानुसार कोरोना को कभी मामूली सर्दी-खांसी और कभी डरोना व भयावह बताते आये हैं. राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा, जब आपको प्रदेश में उप चुनाव करवाना हो, अपनी पार्टी के कार्यक्रम, रैलियां, सभाएं, कार्यालय उद्घाटन करवाना हो, शराब की दुकानें खुलवाना हो, कोरोना वारियर्स को नौकरी से निकालना हो, कोविड केयर सेंटर बंद करना हो, तब कोरोना पूरी तरह से नियंत्रण में आ जाता है और जब जनहित के मुद्दों से बचना हो, विधानसभा का सत्र स्थगित करना हो, विपक्ष के कार्यक्रम रोकना हो, नगरीय निकाय के चुनाव को अभी नहीं करवाना हो, प्रदेश में धार्मिक आयोजन, शादियां या अन्य आयोजन रोकना हो, तो यही कोरोना डरोना व भयावह हो जाता है.

यह भी पढ़ें: Bihar School Reopen: बिहार में करीब 9 महीने बाद खुले स्कूल और शिक्षण संस्थान, जरुरी गाइडलाइन जारी

पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा, आप (शिवराज) कोरोना को अपनी सुविधानुसार परिभाषित करते हैं. आपका यह दोहरा चरित्र प्रदेश की जनता खुली आंखो से देख रही है. ज्ञात हो कि राज्य में लक्षण रहित या बहुत हल्के लक्षणों वाले कोविड-19 के मरीजों के ठहरने और उपचार के लिए स्कूलों, कॉलेजों एवं लोगों के निजी भवनों में कोविड केयर सेंटर स्थापित किए गये थे. इस तरह के केंद्र पूरे राज्य में संचालित रहे. इनमें से भोपाल को छोड़कर अन्य सभी केंद्रों को बंद करने का स्वास्थ्य संचालनालय ने फैसला लिया है.