मध्य प्रदेश में फ्लोर टेस्ट कल, मुख्यमंत्री कमलनाथ बोले ‘सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कानूनी परामर्श के बाद लेंगे फैसला’
कमलनाथ (Photo Credits: IANS)

भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की विधानसभा में शुक्रवार को फ्लोर टेस्ट कराए जाने के सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) ने कहा है कि वे विधि विशेषज्ञों से सलाह के बाद फैसला लेंगे. सर्वोच्च न्यायालय का आदेश आने के बाद मुख्मयंत्री ने गुरुवार की रात ट्वीट कर कहा, "सुप्रीम कोर्ट के आदेश का व इसके हर पहलू का हम अध्ययन करेंगे, हम विधि विशेषज्ञों से चर्चा करेंगे, सलाह लेंगे, तब उसके आधार पर निर्णय लेंगे."

राज्य के 22 कांग्रेस विधायक इस्तीफा दे चुके हैं, इनमें से छह विधायकों का इस्तीफा मंजूर किया जा चुका है. 16 विधायकों को लेकर संशय बना हुआ था. कांग्रेस से बगावत कर भाजपा का दामन थामने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक 16 विधायक बेंगलुरु में डेरा डाले हुए हैं और यही विधायक सरकार के लिए मुसीबत बने हुए हैं. कमलनाथ सरकार की किस्मत का फैसला कल, सुप्रीम कोर्ट ने शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने का दिया आदेश

विधानसभा की वर्तमान स्थिति पर गौर करें तो 230 सदस्यों में से दो स्थान रिक्त हैं. छह विधायकों का इस्तीफा मंजूर हो चुका है. ऐसे में कांग्रेस के 108, भाजपा के 107, बसपा के दो, सपा का एक और निर्दलीय चार विधायक हैं.

लेकिन गणित का दूसरा पहलू यह है कि कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है, इनमें से छह विधायकों का इस्तीफा मंजूर हो चुका है, सभी का इस्तीफा मंजूर होने पर इस स्थिति में कांग्रेस के पास 92 विधायक ही बचते हैं. अगर कांग्रेस को सपा, बसपा व निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल भी रहता है तो उसके पास विधायक संख्या 99 ही हो पाती है.

कुल 228 में से अगर 22 विधायकों की गिनती न की जाए, तब विधायकों की कुल संख्या 206 रह जाएगी और बहुमत के लिए 104 सदस्यों की जरूरत होगी. इस तरह भाजपा के पास बहुमत से तीन ज्यादा यानी 107 विधायक होंगे और कांग्रेस के पास बहुमत से पांच कम है.