लोकसभा के नतीजों से पहले मुलायम-अखिलेश को मिली बड़ी राहत, इस वजह से बंद हुई आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच

लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव को बड़ी राहत मिली है. केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आय से अधिक संपत्ति मामले में समाजवादी पार्टी (एसपी) के संरक्षक मुलायम सिंह, अखिलेश यादव और उनके परिजनों को क्लीनचिट दे दी है.

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections 2019) के नतीजों से पहले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) और उनके बेटे अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को बड़ी राहत मिली है. केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आय से अधिक संपत्ति मामले में समाजवादी पार्टी (एसपी) के संरक्षक मुलायम सिंह, अखिलेश यादव और उनके परिजनों को क्लीनचिट दे दी है.

सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि वह मुलायम, अखिलेश, प्रतीक तथा बहू डिंपल के खिलाफ के खिलाफ चल रहे आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच को रोक रहा है. इसलिए उन्हें क्लीनचिट दी गई है. सीबीआई ने इसके पीछे का कारण सबूतों का नहीं मिलना बताया है. सीबीआई ने आगे कहा कि उसे पिता-पुत्र और बहु के खिलाफ नियमित मामला दर्ज करने के लिए कोई सबूत नहीं मिला है.

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गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश के दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के आरोप की पुष्टि नहीं हो पाई. इस वजह से सात अगस्त 2013 से ही मामलें की जांच रोक दी गई थी. सीबीआई ने कहा कि यह फैसला 2012 के अदालत के निर्देश के अनुरूप लिया गया है. शीर्ष अदालत ने 2012 के अपने फैसले में इस मामले में विभिन्न निर्देश जारी किये थे और सीबीआई को किसी से निर्देश प्राप्त किये बिना जांच के अनुसार जरूरत के हिसाब से निष्पक्ष कदम उठाने की अनुमति दी थी.

यादव परिवार पर विश्वनाथ चतुर्वेदी की याचिका पर पांच मार्च 2007 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी. उधर, मुलायम सिंह यादव ने अपने परिवार पर दर्ज आय से अधिक मामले को राजनीति से प्रेरित बताया था. सिंह ने कहा था कि लोकसभा चुनाव होने के कारण इस मुद्दे को जानबूझकर उठाया गया.

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