चुनाव में रिश्वत मामले में पुलिस के सामने पेश हुए केरल भाजपा अध्यक्ष

केरल भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन गुरुवार को कासरगोड अपराध शाखा के पुलिस अधिकारियों के सामने पेश हुए. एक स्थानीय अदालत ने पुलिस को चुनाव आयोग के नियमों के तहत मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था, जब सुरेंद्रन और दो अन्य स्थानीय भाजपा नेताओं के खिलाफ शिकायत दी गई थी.

के. सुरेंद्रन (photo credits: Facebook)

तिरुवनंतपुरम, 16 सितम्बर: केरल (Kerala) भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन (K. Surendran) गुरुवार को कासरगोड अपराध शाखा के पुलिस अधिकारियों के सामने पेश हुए. एक स्थानीय अदालत ने पुलिस को चुनाव आयोग के नियमों के तहत मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था, जब सुरेंद्रन और दो अन्य स्थानीय भाजपा नेताओं के खिलाफ शिकायत दी गई थी. मामला यह सामने आया था कि मंजेश्वरम विधानसभा क्षेत्र में छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव में बसपा उम्मीदवार के. सुंदरा को अपना नामांकन वापस लेने के लिए पैसे का भुगतान किया गया था. यह भी पढ़े: सीएम Manohar Lal Khattar ने पीएम मोदी से मुलाकात की

सुरेंद्रन ने 6 अप्रैल को हुए विधानसभा चुनाव में दो निर्वाचन क्षेत्रों कोनी और मंजेश्वरम से चुनाव लड़ा था. सुरेंद्रन 75 मिनट से अधिक समय तक अधिकारियों के साथ रहे और सूत्रों के अनुसार उन्होंने सुंदरा को जानने से इनकार किया. उन्होंने यह भी बताया कि उनके मन में देश के कानून का सर्वोच्च सम्मान और सम्मान है, इसलिए वह जांच अधिकारियों के सामने आए. निर्वाचन क्षेत्र से माकपा उम्मीदवार वी.वी. रामेसन तीसरे स्थान पर रहे शिकायतकर्ता हैं और कासरगोड प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सुरेंद्रन और दो अन्य के खिलाफ मामला दर्ज करने की अनुमति दी थी. जब 2 मई को वोटों की गिनती हुई, तो कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ उम्मीदवार एकेएम अशरफ ने सुरेंद्रन को 745 मतों के अंतर से हराया था.

सुंदरा ने ही मीडिया के सामने खुले तौर पर स्वीकार किया था कि उन्हें चुनाव से हटने के लिए 2.5 लाख रुपये और एक स्मार्टफोन दिया गया था. उन्होंने कहा कि सुरेंद्रन के जीतने पर उन्हें कर्नाटक में 15 लाख रुपये, एक घर और एक वाइन पार्लर की पेशकश की गई थी. तब से सत्तारूढ़ माकपा नीत वामपंथी इस खुलासे के खिलाफ उठ खड़े हुए थे, लेकिन सुरेंद्रन और उनकी पार्टी ने इस आरोप का तुरंत खंडन किया कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है. 2016 के विधानसभा चुनावों में सुरेंद्रन 89 मतों के मामूली अंतर से हार गए थे और उस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने वाली सुंदरा को 467 मत मिले थे. भाजपा यह देखने के लिए ²ढ़ थी कि इस बार सुंदरा के बसपा उम्मीदवार के रूप में आने के साथ, उनका नाम इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में सुरेंद्रन के नाम के ठीक पहले आएगा और यह सुरेंद्रन के वोट का खेल बिगाड़ सकता है. नामांकन वापस लेने के आखिरी दिन सुंदरा ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी.

Share Now

\