Virendra Sachdeva On AAP: दिल्ली में बिजली की दरों को लेकर भाजपा, आम आदमी पार्टी (आप) पर हमलावर है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल सरकार बिजली बिल में लगातार वृद्धि कर रही है. पीपीएसी का प्रावधान 1.5 प्रतिशत से शुरू हुआ था, जो बढ़कर 37.5 प्रतिशत तक पहुंच गया है. अब इसे 8.75 प्रतिशत बढ़ाने की अनुमति दे दी गई है. उन्होंने कहा कि राजधानी में जब राष्ट्रपति शासन था तब बिजली बिल पर पीपीएसी लागू नहीं था. इसके बाद अरविंद केजरीवाल की सरकार बनते ही पीपीएसी लगा दिया गया.
पीपीएसी के जरिए दिल्लीवासियों को एक तरह से 'करंट का झटका' दिया जा रहा है. पीपीएसी को सिर्फ गर्मी के कुछ महीने में लगाकर बाद में हटा लेना चाहिए था. लेकिन, इसका पूरा चक्र बिजली के बिल सर्किल में 12 महीने घूम रहा है. केजरीवाल की सरकार इसकी दरों को और बढ़ाने की तैयारी कर चुकी है. अब पीपीएसी में 8 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ोतरी की सिफारिश कर दी गई है. उन्होंने आगे कहा बिजली कंपनी और केजरीवाल मिलकर दिल्ली की जनता को लूट रहे हैं. मान लीजिए अगर बिजली का बिल 100 रुपये है तो 45 रुपये सीधे कंपनी और केजरीवाल के खाते में जाते हैं. यह भी पढ़ें: PM Modi Twitter X Followers: ‘एक्स’ पर पीएम मोदी के 100 मिलियन फॉलोअर्स पूरे, पूरे विश्व में सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले नेता बने (View Tweet)
बिजली का असल खर्च 30 से 35 रुपये है. बाकी सारा खेल कागजों में है, जिसका पैसा ईमानदार बिजली उपभोक्ता से लिया जा रहा है. पीपीएसी के साथ-साथ पेंशन सरचार्ज भी है, जो एक प्रतिशत से शुरू हुआ था और आज बढ़कर सात प्रतिशत से ज्यादा हो गया है. उन्होंने कहा कि मैं एक सवाल सीएम अरविंद केजरीवाल से पूछना चाहता हूं. अगर बिजली कर्मचारी बिजली कंपनी में काम कर रहे हैं तो फिर दिल्ली की जनता उनको पेंशन क्यों दे? दिल्ली की जनता से हर बिल में मीटर का किराया क्यों लिया जाता है? अगर आप 2 किलोवाट पर ज्यादा बिजली इस्तेमाल करते हैं तो 4 किलोवाट का बिल बनाकर भेज दिया जाता है, लेकिन कम बिजली खर्च करने पर उसे वापस क्यों नहीं किया जाता है?