कर्नाटक पर सुप्रीम कोर्ट का अहम आदेश- बागी विधायकों के इस्तीफे पर स्पीकर लें फैसला, फ्लोर टेस्ट पर सस्पेंस बरकरार

नई दिल्ली: कर्नाटक (Karnataka) में लंबे समय से चल रहे सियासी घमासान (Political Crisis) के बीच बुधवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अहम फैसला सुनाते हुए कुमारस्वामी सरकार को राहत दी है. हालांकि कल होने वाले राज्य सरकार के शक्ति परिक्षण  पर सस्पेंस अभी भी बरकरार है. कोर्ट ने मामले की सुनाई करते हुए आदेश दिया कि बागी विधायकों के इस्तीफे पर स्पीकर खुद फैसला लें और फिर स्पीकर के फैसले को पेश किया जाए. हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा कि स्पीकर विधायकों को इस्तीफा देने के लिए दबाव नहीं डाल सकते.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बागी विधायकों के पास फ्लोर टेस्ट में हिस्सा लेने या न लेने का विकल्प है. उन पर कल व्हिप नहीं लागू होगा. देश की सर्वोच्च कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को कांग्रेस-जेडीएस के 15 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि बागी विधायकों के इस्तीफे पर स्पीकर खुद फैसला ले. कोर्ट का यह फैसला कर्नाटक में 14 महीने पुरानी कुमारस्वामी सरकार के लिए बहुत अहम माना जा रहा है.

शीर्ष अदालत ने मंगलवार को इस मामले में सभी पक्षों की ओर से जोरदार दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. कुमारस्वामी और विधानसभा अध्यक्ष ने बागी विधायकों की याचिका पर विचार करने के न्यायालय के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाया था. वहीं, बागी विधायकों ने आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) के आर रमेश कुमार बहुमत खो चुकी गठबंधन सरकार को सहारा देने की कोशिश कर रहे हैं.

सत्तारूढ़ गठबंधन को विधानसभा में 117 विधायकों का समर्थन है. इसमें कांग्रेस के 78, जेडीएस के 37, बीएसपी का एक और एक मनोनीत विधायक शामिल हैं. इसके अलावा विधानसभा अध्यक्ष का भी एक मत है. दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन से 225 सदस्यीय विधानसभा में विपक्षी बीजेपी  को 107 विधायकों का समर्थन हासिल है. इन 225 सदस्यों में एक मनोनीत सदस्य और विधानसभा अध्यक्ष भी शामिल हैं.

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अगर इन 16 बागी विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 101 हो जाएगी. इससे कुमारस्वामी सरकार अल्पमत में आ सकती है.

(एजेंसी इनपुट के साथ)