कर्नाटक (Karnataka) में एचडी कुमारस्वामी (HD Kumaraswamy) की सरकार पर जारी संकट के बीच बुधवार को कांग्रेस (Congress)और जेडीएस (JDS) के 10 बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक याचिका दायर की है. इन विधायकों ने याचिका में कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार (Ramesh Kumar) पर जानबूझ कर उनके इस्तीफे स्वीकार नहीं करने का आरोप लगाया है. दरअसल, राज्य विधानसभा के अध्यक्ष रमेश कुमार ने मंगलवार को कहा था कि 14 बागी विधायकों में से नौ के इस्तीफे सही नहीं थे. मालूम हो कि कर्नाटक विधानसभा में कुल 224 सीटें हैं और बहुमत के लिए 113 सीटों की जरूरत होती है.
दरअसल, कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली जेडीएस-कांग्रेस सरकार को झटका देते हुए गठबंधन के 14 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. इनमें से 13 विधायकों ने छह जुलाई को सदन की सदस्यता से अपने अपने त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय को सौंपे थे. वहीं, कांग्रेस के एक अन्य विधायक रोशन बेग ने भी मंगलवार को इस्तीफा दे दिया था. इसका मतलब है कि अगर इन 14 विधाकों के इस्तीफे मंजूर हो जाते हैं तो जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन 102 पर आ जाएगी जबकि बीजेपी दो निर्दलीय विधायकों और इकलौते बीएसपी विधायक के साथ 108 पर आ जाएगी. यह भी पढ़ें- कर्नाटक का सियासी नाटक: येदियुरप्पा ने कुमारस्वामी सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, मुख्यमंत्री का मांगा इस्तीफा
कर्नाटक में जारी सियासी नाटक के 4 संभावित परिदृश्य:
1. बच सकती है जेडीएस-कांग्रेस सरकार- अगर 13 बागी विधायकों में से चार या पांच विधायक अपना इस्तीफा वापस लेकर और कैबिनट पदों को स्वीकार गठबंधन में वापस लौटते हैं. अगर यह पर्याप्त नहीं है तो जेडीएस-कांग्रेस चार या पांच बीजेपी विधायकों से इस्तीफा दिलवा सकते हैं.
2. बीजेपी की हो सकती है वापसी- कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष अगर बागी विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लेते हैं, तो बीजेपी 108 विधायकों (दो निर्दलीय और एक बीएसपी विधायक को मिलाकर ) के साथ सरकार बना सकती है. जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन की संख्या 102 रह जाएगी (रोशन बेग को मिलाकर). विधानसभा में 13 रिक्तियों के साथ बहुमत का आंकड़ा 106 पर आ जाएगा और राज्यपाल बीजेपी को सरकार बनाने के लिए निमंत्रण भेज सकते हैं.
3. सुप्रीम कोर्ट कर सकता है हस्तक्षेप- जेडीएस और कांग्रेस के 10 बागी विधायकों का सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लेने के बाद शीर्ष अदालत स्पीकर को उनके इस्तीफे पर जल्द फैसला लेने को कह सकता है. इसके अलावा विधानसभा में शक्ति परीक्षण के लिए भी कहा जा सकता है.
4. फिर से हो सकते हैं चुनाव- अगर बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए जाते हैं और दो निर्दलीय विधायक व बीएसपी का एक विधायक बीजेपो को समर्थन देने से इनकार कर देते हैं तो ऐसी परिस्थिति में राज्यपाल राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं. वहीं, कुमारस्वामी को चुनाव होने तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने के लिए कहा जा सकता है या फिर जब तक चुनाव न हो तब तक राज्य को राज्यपाल द्वारा संचालित किया जा सकता है.
बता दें कि कर्नाटक विधानसभा का मानसून सत्र 12 जुलाई से शुरू होने जा रहा है. इस बीच, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने बुधवार को कहा कि बहुत देर नहीं हुई है, कर्नाटक के सीएम एचडी कुमारस्वामी को इस्तीफा देना चाहिए और बीजेपी सरकार के लिए रास्ता बनाना चाहिए.