कर्नाटक (Karnataka) में कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन (Congress-JDS Alliance) सरकार को लेकर संकट और गहरा गया है. मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी (HD Kumaraswamy) ने बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल वजुभाई (Governor Vajubhai Vala) वाला द्वारा दी गई डेडलाइन की शुक्रवार को दो बार अनदेखी की. वहीं, विश्वास प्रस्ताव पर मतदान के बिना ही कनार्टक विधानसभा सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई. विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार (KR Ramesh Kumar) ने कांग्रेस-जेडीएस सरकार के राज्यपाल वजु भाई वाला द्वारा तय की गई दो समय सीमाओं को पूरा ना कर पाने पर सदन को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया. सदन को स्थगित करने से पहले अध्यक्ष ने यह स्पष्ट कर दिया कि सोमवार को विश्वास प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा और इसे अन्य किसी भी परिस्थिति में आगे नहीं बढ़ाया जाएगा. इस पर सरकार सहमत हो गई.
कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा (BS Yeddyurappa) ने कहा कि एचडी कुमारस्वामी सरकार के लिए सोमवार अंतिम दिन होगा, उनके पास नंबर नहीं हैं और वे उन लोगों को अनुमति नहीं दे रहे हैं जिनके पास सरकार बनाने के लिए नंबर हैं. हम पूरी तरह से 106 सदस्य हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जो विधायक मुंबई में हैं उन्हें सत्र में भाग लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है. उधर, कुमारस्वामी और कांग्रेस ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि राज्यपाल सदन की कार्यवाही में हस्तक्षेप कर रहे हैं जब सदन में विश्वास मत पर चर्चा हो रही है. मुख्यमंत्री ने न्यायालय से उसके 17 जुलाई के आदेश पर स्पष्टीकरण देने का अनुरोध किया है जिसमे कहा गया था कि 15 बागी विधायकों को सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिये बाध्य नहीं किया जा सकता है.
BJP Karnataka President,BS Yeddyurappa: Monday will be the last day for HD Kumaraswamy govt, they don't have numbers & they aren't allowing the people who have numbers to form govt. We are 106 members totally. SC has said MLAs who are in Mumbai can't be forced to attend session. pic.twitter.com/LFUpQxiUS7
— ANI (@ANI) July 19, 2019
Karnataka Assembly Session has been adjourned till July 22. The trust vote will be held on Monday, July 22. pic.twitter.com/219kBE6eCv
— ANI (@ANI) July 19, 2019
कुमारस्वामी ने भी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर कहा है कि राज्यपाल वजूभाई वाला विधानसभा को निर्देशित नहीं कर सकते कि विश्वास मत प्रस्ताव किस तरह लिया जाये. राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को भेजे दूसरे संदेश में कहा कि सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन “प्रथम दृष्टया” सदन का विश्वास खो चुका है. राज्यपाल ने कुमारस्वामी को दूसरे पत्र में कहा, ‘‘जब विधायकों की खरीद-फरोख्त के व्यापक स्तर पर आरोप लग रहे हैं और मुझे इसकी कई शिकायतें मिल रही हैं, यह संवैधानिक रूप से अनिवार्य है कि विश्वास मत बिना किसी विलंब के आज ही पूरा हो.’’ उन्होंने कहा, “मैं, इसलिये कह रहा हूं कि अपना बहुमत साबित करें और विश्वास मत की प्रक्रिया को पूरा कर आज ही इसे संपन्न करें.” यह भी पढ़ें- कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने कहा- किसी विधायक ने मुझसे सुरक्षा नहीं मांगी है
राज्यपाल ने विधायकों की खरीद-फरोख्त के व्यापक आरोपों का जिक्र करते हुए कहा कि यह संवैधानिक रूप से अनिवार्य है कि विश्वास मत प्रक्रिया बिना किसी विलंब के शुक्रवार को ही पूरी हो. विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान, कुमारस्वामी ने कहा, “मुझे राज्यपाल से “दूसरा प्रेम-पत्र” मिला है. उन्हें अब ‘ज्ञानोदय’ (जागरुकता) हुआ है. राज्यपाल ने अब पत्र में खरीद-फरोख्त का जिक्र किया है...क्या अब तक उन्हें इसका पता नहीं था.” “आइये राजनीति करते हैं...हम भी यहां हैं...हम डरेंगे नहीं और न ही भागेंगे. राज्यपाल तब खरीद-फरोख्त क्यों नहीं देख सके जब विधायक इस्तीफा दे रहे थे.” राज्यपाल वाला द्वारा गुरुवार को विश्वास मत की समयसीमा (दोपहर डेढ़ बजे) बीत जाने के कुछ ही देर बाद उन्होंने मुख्यमंत्री से विश्वास मत पूरा करने को कहते हुए एक और समयसीमा दे दी.
सदन में इस बात को लेकर भी तीखी बहस देखने को मिली कि विश्वास मत कब पूरा किया जाना चाहिए. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, “काफी चर्चा हो चुकी है. मैं इसे (विश्वास मत प्रक्रिया) को आज खत्म करना चाहता हूं.” कुमारस्वामी ने कहा, “मैंने शुरुआती प्रतिवेदन में बता दिया है, हम इसे (प्रक्रिया को) सोमवार तक पूरा कर सकते हैं.” भाजपा नेता सुरेश कुमार ने कहा कि विश्वास मत को अगर खींचा गया तो इसकी शूचिता खत्म हो जाएगी और जोर देकर कहा कि इस प्रक्रिया को शुक्रवार को ही पूरा किया जाए. वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि वह आधी रात तक इंतजार करने के इच्छुक हैं. सत्ताधारी गठबंधन हालांकि किसी हड़बड़ी में नहीं दिखा और कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया ने इससे पहले दिन में कहा कि प्रस्ताव पर चर्चा सोमवार तक चल सकती है जिसके बाद मतदान होगा क्योंकि कई विधायकों ने इस चर्चा में भाग लेने के लिए अपने नाम दिए हैं.
भाषा इनपुट