लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में मिली हार के बाद कांग्रेस (Congress) महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने पार्टी के खराब प्रदर्शन की समीक्षा की. इस संबंध में उन्होंने लखनऊ में शुक्रवार कांग्रेस की मीटिंग की. सिंधिया की मीटिंग में उन सभी नेताओं को शामिल होना था जिन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा था. मीटिंग में लोकसभा चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस के 28 प्रत्याशी व कुछ स्थानीय नेता तो पहुंचे लेकिन कई ऐसे अहम नेता गायब रहे जिनका फीडबैक सिंधिया को लेना था. मीटिंग से नदारद रहने वालों नेताओं ने अपनी हार के लिए कमजोर संगठन, दल-बदलु नेताओं को तरजीह, नेताओं-कार्यकर्ताओं की उपेक्षा को जिम्मेदार ठहराया.
सिंधिया के साथ प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर मौजूद रहे वहीं श्रीप्रकाश जायसवाल, सलमान खुर्शीद, इमरान मसूद, जितिन प्रसाद जैसे कई अन्य नेता इस मीटिंग में ही नहीं पहुंचे. इन नेताओं की गैरहाजिरी के बारे में ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. हालांकि कई कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि दिल्ली-एनसीआर के नजदीक के प्रत्याशियों को दिल्ली में एक अन्य मीटिंग में हिस्सा लेना था, इसलिए वे नहीं आए.
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सिंधिया ने कहा, "चुनाव नतीजे पूरी तरह से असंतोषजनक हैं लेकिन हम आने वाले चुनाव पूरी ताकत के साथ लड़ेंगे." हमने 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अहम फीडबैक और सुझाव दिए, ताकि संगठन को मजबूत किया जा सके, मीटिंग के अहम बिंदुओं में प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) को 2022 विधानसभा चुनाव के लिए सीएम कैंडिडेट घोषित करना भी शामिल रहा. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, "प्रियंका को सीएम का चेहरा घोषित करने से जुड़ा फैसला पार्टी आलाकमान लेगी, लेकिन अभी हमारी प्राथमिकता संगठन को मजबूत करने की है."