श्रीनगर. जम्मू एवं कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने सरकार से कहा है कि उन्हें सुरक्षा कवर की कोई जरूरत नहीं है, सरकार उसे हटा ले. इससे पहले, इल्तिजा को अपने नाना और पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की चौथी बरसी के दिन उनकी कब्र पर जाने से रोक दिया गया. उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "मुझे कोई एसएसजी (स्पेशल सिक्योरिटी ग्रुप) नहीं चाहिए. मेरे आंदोलन को रोकने के लिए अधिकारियों को यह बहाना मिल गया है. मैं अब पुलिस के शीर्ष अधिकारियों को पत्र लिख रही हूं कि मेरी सुरक्षा हटाई जाए."
इल्तिजा ने 7 जनवरी को अधिकारियों से अपने नाना की कब्र पर जाने की इजाजत मांगी, जिसे फिर नामंजूर कर दिया गया. उन्होंने आरोप लगया कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उन्हें परेशान कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "एक पूर्व मुख्यमंत्री की नातिन के साथ इस तरह का व्यवहर नहीं किया जा सकता. इस देश में क्या मुस्लिम होना गुनाह है?" यह भी पढ़े-सुप्रीम कोर्ट ने महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा को कश्मीर में उनसे मुलाकात करने की इजाजत दी
इल्तिजा ने कहा कि उनकी मौसी रुबाया सईद की सुरक्षा हटा दी गई है, इससे वे चिंतत हैं. जब इल्तिजा के नाना मुफ्ती मोहम्मद सईद 1989 में देश के गृहमंत्री थे, तब उनकी बड़ी बेटी रुबाया को आतंकवादियों ने अगवा कर लिया था और उन्हें छुड़वाने के लिए सरकार को पांच आतंकवादियों को रिहा करना पड़ा था.
इल्तिजा ने कहा, "मेरी मौसी का आतंकवादियों ने अपहरण कर लिया था. लगता है कि उन्हें इस तथ्य पर कोई ध्यान नहीं दिया और बिना किसी कारण के उनकी सुरक्षा हटा ली."
भारतीय संसद द्वारा अनुच्छेद 370 को रद्द करने और जम्मू एवं कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने के बाद 5 अगस्त से जम्मू एवं कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला की तरह ही महबूबा मुफ्ती भी हिरासत में हैं. उन्हें एमए रोड स्थित सरकारी बंगले में रखा गया है.
फारूक को गुपकार रोड स्थित उनके घर में नजरबंद किया गया है, जबकि उमर को हरिनिवास में रखा गया है. केंद्र सरकार ने कहा है कि जब भी स्थानीय प्रशासन को लगेगा कि हालत बेहतर हैं, तब पूर्व मुख्यमंत्रियों को रिहा किया जाएगा.